चंडीगढ़। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने संगरूर जिले के डिप्टी कमिश्नर जतिंदर जोरवाल को कोर्ट की अवमानना करने के मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दरअसल, पंजाब सरकार ने 2019 में एक टेंडर जारी किया था, जिसके जरिए उन्होंने इच्छुक पार्टी से ओपन प्लिंथ बनाने का प्रस्ताव मांगा था और आश्वासन दिया था कि प्लिंथ बनने के बाद उन्हें तीन साल तक किराये की गारंटी दी जाएगी और जमीन किराये पर ली जाएगी। खाद्य आपूर्ति पंजाब के अधिकारी और एफसीआई के अधिकारी वैरीफिकेशन के लिए संजय गर्ग के यहां गए और प्लिंथ निर्माण के लिए जगह की मंजूरी दे दी। लेकिन जब सरकार ने प्लिंथ पर गेहूं भेजने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने विरोध किया था। राजनीतिक दबाव इतना था कि जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना की और चबूतरे पर गेहूं रखने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद कोर्ट ने ये संज्ञान लिया। संजय गर्ग ने हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई कि हाईकोर्ट के आदेशों को माना जाए और चबूतरे पर गेहूं लगाया जाए। उन्होंने सरकार के अनुरोध पर ही प्लिंथ का निर्माण किया था और पूरी जगह की मंजूरी भी सरकार ने दी थी। अब सरकार अपने वादे से मुकर नहीं सकती। लेकिन राजनीतिक दबाव में जिला प्रशासन और खाद्य आपूर्ति अधिकारियों ने संजय गर्ग की बात नहीं मानी और प्लिंथ में गेहूं नहीं उगने दिया। संजय गर्ग ने तंग आकर संगरूर के डीसी जतिंदर जोरवाल, गुरप्रीत सिंह कंग डीएफएससी संगरूर, सुरिंदर पाल सिंह पन्नू तहसीलदार संगरूर और खाद्य आपूर्ति और एफसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने जतिंदर जोरवाल डीसी संगरूर और अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया है।