लुधियाना। पंजाबी गायक इंदरजीत निक्कू एक बार फिर बाबा बागेश्वर धाम की सभा में पहुंच विवादों में आ गए हैं। इंदरजीत निक्कू को देख बाबा बागेश्वर ने एक विवादित बयान दे दिया है। जिसके बाद सिखों में रोष है और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस पर विरोध जताया है। वहीं, निक्कू इस सभा में बाबा की बात सुनने के बाद तालियां बजाते भी दिखे। इस बार बाबा बागेश्वर ने सिखों की प्रशंसा की और सरदारों को सनातन धर्म की सेना बता दिया। इंदरजीत निक्कू ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मैंने हमेशा अपने सिख धर्म का सम्मान किया है और करता रहूंगा। मेरे लिए श्री गुरु ग्रंथ साहिब और मेरे गुरु साहिब सबसे ऊपर हैं। हालांकि, बाबा के सामने बोलते हुए निक्कू ने कहा कि जो लोग मेरा विरोध करते हैं, उन्हें मैं बताना चाहता हूं कि बागेश्वर धाम में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है। कश्मीरी पंडितों को बचाया बाबा बागेश्वर ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर के पंडितों पर धार्मिक संकट आया तो सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान देकर धर्म की रक्षा की। बाबा ने कहा कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए ही पांच प्यारे हैं। सरदार सनातन धर्म की सेना है। जो लोग हमारा विरोध करते हैं, हम चाहते हैं कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। SGPC ने बयान का किया विरोध SGPC जनरल सक्रेटरी गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि वह किसी धर्म पर टारगेट करके कुछ नहीं करना चाहता। लेकिन स्पष्ट करना चाहता हूं कि निक्कू सिख धर्म का नुमाइंदा नहीं है। सभी धर्म एक जैसे नहीं हो सकते। वहीं, सिख धर्म में सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहा गया है। दूसरी तरफ उन्होंने स्पष्ट किया कि बाबा बागेश्वर को पहले सिख धर्म को जान लेना चाहिए। हां, यह बात सच है कि हमारे नौवें गुरू ने कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए बलिदान दिया था। लेकिन इन्हें बयान देने से पहले पांच प्यारों के बारे में जान लेना चाहिए। जुल्म के खिलाफ उठाई गई थी आवाज गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा कि सिख कौम की शुरूआत जुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए हुुई थी। इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ हिंदुओं के लिए यह कौम है। किसी के साथ भी जुल्म होगा, सिख उसके खिलाफ खड़े होंगे। अंग्रेजों ने जब जुल्म किया, उससे पहले मुगल हुकूमत ने जुर्म किया तो उसके खिलाफ भी सिख खड़े हुए थे। यह कहना गलत है कि सिख सनातन धर्म की फौज है।
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Yashpal Sharma (Editor)