शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब की चार सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को न लड़ने का फैसला किया है। इस बारे फैसला आज वर्किंग कमेटी की मीटिंग में लिया गया। मालूम रहे कि श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को तनखैय्या करार किया हुआ है। जिस पर भी आगे का फैसला शेष है। पिछले दिनों पार्टी के नेता श्री अकाल तख्त साहिब भी पहुंचे थे तथा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब से मिले थे लेकिन जत्थेदार साहिब द्वारा फैसला आने तक सुखबीर सिंह बादल के चुनाव मैदान में उतरने पर सहमति देने पर इंकार किया था तथा कहा था कि दीवाली के बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है। जिसके बाद आज पार्टी की बैठक में मौजूदा हालातों को देखते हुए सभी चारों सीटों पर चुनाव न लड़ने का फैसला किया गया। इस बारे में शिरोमणि अकाली दल के मुखय प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि आज वर्किंग कमेटी, जिला प्रधानों व हल्का इंचार्जों की बैठक हुई जिसमें चारों उपचुनाव व आगामी एसजीपीसी चुनाव के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि पिछले समय से पार्टी के खिलाफ बड़ी गहरी साजिशें जारी है। यहां तक की धर्म के मामलों में भी दखलादांजी की गई तथा तख्त साहिबानों पर सरकारी कब्जे किए गए। दिल्ली में भी भाजपा ने कब्जा जमाया। हरियाणा में भी ऐसा ही किया गया। अब पंजाब में मौजूदा एसजीपीसी चुनाव में भी भाजपा व आरएसएस के अलावा आप भी इसमें दखलांदाजी कर रही है। एक शिकायत प्रधान सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ की गई। जिस पर प्रधान बादल द्वारा बेहद संमर्पण भाव से की गई। यह शिकायत भी इन्हीं साजिशों का हिस्सा था। इसके बावजूद दोष आधारहीन व कुप्रचार का हिस्सा होने के बावजूद स बादल ने श्री अकाल तखत साहिब का हुक्म एक निमाने सिख की तरह मानते हुए पहरा दिया। जिसके बाद स बादल को तनखैया करार दिया था। बादल ने भी निमाना सिख बनकर इसे स्वीकार करने की बात कही थी। हम मिलकर सजा का फैसला करने की अपील की थी। अब उप चुनाव सामने आ चुके है। सुखबीर सिंह बादल गिद्दडबाहा से लड़ना चाहते थे लेकिन जत्थेदार साहिब का आदेश आया कि सरदार बादल तनखैया होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सकते व प्रचार में नहीं जा सकते। पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार थे लेकिन जत्थेदार साहिब के आदेश को देखते हुए पार्टी का निर्णय है कि यह आदेश केवल बादल साहिब का नहीं बल्कि पूरी पार्टी के लिए है। इसलिए सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि पंथक हितों को देखते हुए पार्टी इन चारों सीटों के चुनाव से बाहर रहेगी। इससे पार्टी को नुकसान जरूर है लेकिन इसके बावजूद सिंह साहिबान के आदेश को देखते हुए हमने यह फैसला किया है।
चीमा ने सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी नेतृत्व की निजी गलती नहीं होती है। सबकी सांझी होती है। मिलकर सब फैसला करते है। इसलिए नैतिक जिम्मेवारी सबने खुद पर ली है। हम अब फैसले का इंतजार कर रहे है।
Shiromani-Akali-Dal-Has-Decided-Not-To-Contest-The-By-elections-To-Be-Held-On-Four-Seats-Of-Punjab
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Yashpal Sharma (Editor)