March 20, 2025 14:40:29

Scam- सरकारी अफसर और रेत माफिया ने मिलकर अंजाम दिया 1000 करोड़ के रेत बजरी घोटाले को अंजाम

डुप्लीकेट पर्चियां के बलबूते 5 साल से चल रहा था घोटाला

Feb12,2025 | Yashpal Sharma | Ludhiana

माइनिंग व अन्य विभागों के सरकारी अफसरों की मिलीभुगत से रेत माफिया ने डुप्लीकेट पर्चियां के बलबूते 1000 करोड रुपए के अवैध माइनिंग के घोटाले को अंजाम दे दिया है। इस पूरे घोटाले को अंजाम देने के लिए आईटी सिस्टम एक्सपर्ट का बड़ा योगदान लिया गया। जिसके लिए सरकारी वेबसाइट के सॉफ्टवेयर में एक बग लगाया गया। और इसके बाद सरकारी वेबसाइट से मिलती-जुलती करीब 13 बोगस वेबसाइट बनाई गई । जिनके सहारे डुप्लीकेट पर्चियां निकाली जाती थी, जिनके बलबूते अवैध तौर से क्रेशर व खड्डों से निकले रेत बजरी को इन्हीं डुप्लीकेट पर्चियां से टिप्पर में एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था। बताया जाता है कि यह पूरा घोटाला पिछले 5 सालों से चल रहा था। एक पर्ची के सहारे ढाई सौ के करीब डुप्लीकेट पर्चियां बनाई जाती थी। बताया जाता है कि यह पूरा घोटाला पिछले 5 साल से चलाया जा रहा था और यह डुप्लीकेट वेबसाइट भी विदेश में तैयार की गई थी। इस पूरे मीनिंग घोटाले में मोहाली के स्टेट साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की ओर से मामला मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और प्राथमिक जांच में माइनिंग विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को की भूमिका शामिल आई जिसमें एसडीओ एक्शन और कंसलटेंट स्टार के अधिकारी शामिल है।                                            इस तरह समझिए पूरे घोटाले को सरकारी वेबसाइट पर रेत के लिए टिप्पर की पर्ची 4500 रुपए में काटी जाती है और यह रॉयल्टी सरकार के खाते में जाती है। इस पर्ची के साथ ही टीएलएस सर्टिफिकेट भी मिलता है। जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सरकारी पर्ची कटती है उसमें डायवर्जन बग लगाया हुआ था जैसे ही  सरकारी पर्ची कटती थी वह डायवर्जन बग उसकी डुप्लीकेट कॉपी 13 फर्जी वेबसाइट पर अपलोड कर देता था। इसके बाद पंजाब के विभिन्न हिस्सों में रेत माफिया चोरी छुपे माइनिंग कर भरे रेत बजरी के टिप्परो को ये डुप्लीकेट पर्ची इशू होती थी और इन ट्रक चालकों को देकर उन्हें रवाना कर दिया जाता था । चेकिंग में पकड़े जाने पर भी पर्ची का क्यूआरकोड चेक किया जाता था तो वह सही दिखाता था। इस तरह से एक सही पर्ची के बलबूते 200 से 250 डुप्लीकेट पर्चियां के बलबूते 200 से 250 टिप्पर अवैध माइनिंग के चलाए जाते रहे हैं। बड़ी बात है कि इन जाली पर्चियां पर टाइमिंग भी 6 घंटे की रहती थी जिसके सहारे यह टिप्पर पंजाब के किसी भी हिस्से में डिलीवरी पहुंचा देते थे।                                                                घोटाले को सरकारी वेबसाइट के यूआरएल से मिलते जुलती बनाई गई डुप्लीकेट वेबसाइट।                                                        सरकारी वेबसाइट का यूआरएल https://minesandgeology.punjab.gov.in है , जबकि माफिया ने इससे मिलता जुलता ही    https://minesgeologypunjab.in यूआरएल से फर्जी वेबसाइट बनाई थी । चेकिंग के दौरान एक अफसर को पर्ची पर सरकारी वेबसाइट के नाम पर शक हुआ और उसने इस मामले को अपने सीनियर अफसर के समक्ष रखा।  जिसके बाद राज्य भर में चेकिंग की गई तो इस तरह की कई फर्जी पर्चियां मिली और जब इसकी जांच हुई तो पता चला की ऐसी मिलती-जुलती 13 फर्जी वेबसाइट इस घोटाले में शामिल है।

Government-Officials-And-Sand-Mafia-Together-Carried-Out-Sand-Gravel-Scam-Worth-Rs-1000-Crores




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