लुधियाना। लुधियाना में 15 दिन बाद भी आम आदमी पार्टी अपना मेयर नहीं बना सकी है। सत्ताधारी पार्टी होने के बावजूद आप सरकार सीधे तौर पर अपना मेयर बनाने में कामयाब नहीं हो पा रही। हालांकि उनकी तरफ से कई विरोधी पार्टियों के पार्षदों को तोड़कर लाने की कोशिश की गई। लेकिन वह भी तरीका सफल नहीं हो सका। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने की तैयारी में है। बेशक यह गठजोड़ सामने नहीं होगा, लेकिन अंदरखाते इसकी चर्चाएं लगातार तेज है। जिसके चलते अब अंदरखाते आम पार्टी द्वारा कांग्रेस के पार्षदों को साथ लेकर अपना मेयर बनाया जा सकता है। जिसे लेकर राजनेताओं द्वारा लगातार मीटिंगें भी की जा रही है। जल्द ही लुधियाना मेयर की घोषणा हो सकती है। हैरानी की बात तो यह है कि सत्ताधारी पार्टी होने के बावजूद दूसरी पार्टियों के पार्षद उसमें जा नहीं रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आप नेताओं द्वारा पार्षदों को जुटाने के लिए बड़े प्रयास किए गए हैं। जिसके लिए बड़े बड़े ऑफर भी दिए। लेकिन फिर भी बात नहीं बन सकी।
एक आजाद पार्षद को ही अपने साथ ला सकी AAP
सत्ताधारी पार्टी AAP की बात करें, तो सत्ताधारी पार्टी अभी तक केवल एक आजाद पार्षद को ही अपने साथ मिलाने में कामयाब हो सकी है। AAP द्वारा शिअद पार्षद चतरवीर सिंह को अपने साथ मिला लिया लेकिन अगले ही दिन चतरवीर सिंह दोबारा शिअद में चले गए। वहीं इससे पहले कांग्रेसी पार्षद दीक्षा भी AAP में चले गए थे, जिन्हें सांसद राजा वडिंग ने दोबारा पार्टी में शामिल करवा लिया था। सत्ताधारी पार्टी अब जनरल हाऊस की होने वाली बैठक में क्रॉस वोटिंग के जरिए ही अपना मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बनाने की फिराक में है। मेयर के लिए AAP को 52 का आंकड़ा चाहिए, जो कि अब महज तीन सीटों से दूर है।
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Yashpal Sharma (Editor)