लुधियाना। लुधियाना के न्यू हाई स्कूल में फर्जी कमेटी गठित करके कब्जा करने और फिर स्कूल की जमीन को बेचने व किराए पर देने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में न्यू हाई स्कूल एलुमनी एसोसिएशन के सदस्य वीरवार को सराभा नगर स्कूल के बाहर एकत्रित गुए। जिनकी और से जिला प्रशासन, विजिलेंस और नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि लुधियाना पुलिस द्वारा तीन पर्चे दर्ज किए, लेकिन आज तक सुनील मड़िया व उसके साथी नहीं पकड़े गए। मामले विजिलेंस को हैंड ओवर होने के एक महीना बीतने के बाद भी विजिलेंस ने किसी को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया। जिला पुलिस व विजिलेंस सिर्फ आईवॉश कर रही है। एसोसिएशन के प्रधान राजेश गर्ग का आरोप है कि लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट न्यू हाई स्कूल सिविल लाइंस और सराभा नगर की जमीनें अलॉट किसी और संस्था को दी थी। लेकिन बाद में सुनील मड़िया ने स्कूलों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह कब्जा अकेले सुनील मड़िया ने नहीं बल्कि पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, उनके भाई पूर्व पार्षद नरिंदर शर्मा काला और अन्य साथियों द्वारा मिलकर किया गया है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि ट्रस्ट द्वारा आज तक इस मामले में एक्शन नहीं लिया कि आखिर उन्होंने जमीन तो एक संस्था को दी थी, फिर दूसरी संस्था कैसे उस पर कब्जा करने लगी। जिससे साफ जाहिर होता है कि ट्रस्ट के अधिकारियों की भी आपस में मिलीभगत रही। जिसके चलते यह सारा खेल किया गया है।
नगर निगम ने भी पास कर डाले अवैध नक्शे
वहीं राजेश गर्ग ने आरोप लगाया कि सराभा नगर में ट्रस्ट द्वारा न्यू हाई स्कूल को दी जमीन को सुनील मड़िया ने आगे बेच डाला। जिसके बाद वहां पर तीन और स्कूल बन गए। इसी तरह सिविल लाइंस में न्यू हाई स्कूल की जमीन पर 8 से 9 कोठियां और पीजी बने हुए हैं। जबकि स्कूल के अंदर भी कमरे रेंट पर देकर किराया खाया जा रहा है। राजेश गर्ग का आरोप है कि आखिर निगम द्वारा तीन और स्कूल व कोठियों के नक्शे सरकारी जमीन पर कैसे पास कर डाले। जिससे पता चलता है कि निगम अधिकारियों को भी मोटी रिश्वत दी गई है।
भारत भूषण आशु, नरिंदर काला कमेटी के रह चुके सदस्य
राजेश गर्ग ने कहा कि उनकी और से मामले में कभी भी पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, उनके भाई पूर्व पार्षद नरिंदर काला का नाम नहीं लिया। लेकिन सुनील मड़िया द्वारा एफआईआर क्वैश कराने के लिए हाईकोर्ट में खुद लिखकर दिया कि भारत भूषण आशु न्यू हाई स्कूल कमेटी में वाइस प्रेजिडेंट रह चुके हैं। जिसके चलते यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। मड़िया द्वारा जानबूझकर भारत भूषण आशु का नाम लिया गया। न्यू हाई स्कूल की कमेटी रिकॉर्ड मुताबिक भारत भूषण आशु 2012 से लेकर 2017 तक वाइस प्रेजिडेंट रहे, जबकि उनका भाई पहले ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेटरी रहे। फिर 2017-2018 में आशु कमेटी से बाहर हो गए, जबकि उनका भाई कमेटी में रहा। 2020-21 में नरिंदर काला वाइस प्रेजिडेंट रहे। वहीं इस कार्यकाल में सुनील मड़िया प्रेजिडेंट रहे। आशु व नरिंदर काला कहते हैं कि वे इस घोटाले में शामिल नहीं है। जबकि इनके कार्यकाल के दौरान भी घोटाला जमकर हुआ। करोड़ों की फंडिंग का हेरफेर हुआ।
आशु के दबाव में है विजिलेंस और पुलिस
राजेश गर्ग का आरोप है कि पुलिस द्वारा सुनील मड़िया व उसके साथियों पर तीन मामले दर्ज किए। फिर मामला विजिलेंस के पास गया। लेकिन न तो विजिलेंस ने कार्रवाई की और न ही पुलिस द्वारा की जा रही है। यह सिर्फ आईवॉश कर रहे हैं। जबकि आशु और नरिंदर काला भी कमेटी में पदाधिकारी रहे हैं। लेकिन उन्हें आज तक पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है। यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। चर्चा है कि आशु के दबाव के चलते विजिलेंस व पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही।
ट्रस्ट को नहीं दी नई कमेटी बनाने की जानकारी
लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ हरप्रीत सिंह संधू ने बताया कि 1966 में लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की तरफ से सेक्रेटरी न्यू हाई स्कूल सिविल लाइंस को 1.69 एकड़ फिर 1967 में 3.12 एकड़ और अलॉट की गई। 1970 को सेल एग्रीमेंट हुआ। जिसमें शर्तें थी कि स्कूल किसी और महत्व के लिए नहीं इस्तेमाल किया जा सकेगा। लेकिन शर्तों को तोड़ा गया, जिस संबंधी एफआईआर दर्ज करवाई गई है। विजिलेंस मामले की जांच कर रही है। न्यू हाई स्कूल में नई ट्रस्ट बनाने संबंधी लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।
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Yashpal Sharma (Editor)