लुधियाना। शहर में फिल्मी स्टाइल में बाउंसर साथ लेकर चलने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी व कालोनाइजर श्रमन जी वाटिका कॉलोनी के मालिक करण अरोड़ा द्वारा लोगों से करोड़ो की ठगी मारने का मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रो के अनुसार करण अरोड़ा द्वारा पहले तो लोगों से बिना किसी डर के जमीने दिलवाने की एवज में जमकर ठगी की गई। उन्हें ग़लत खसरे डालकर तैयार किए दस्तावेजों पर ही जमीनों के बयाने कर लिए गए। लेकिन अब जब आरोपी करण अरोड़ा पर एक के बाद एक पर्चे दर्ज हुए और गिरफ्तारी हुई तो अब उसकी और से पीड़ित लोगों से फैसले किए जा रहे है। धड़ल्ले से लोगों के पैसे वापस कर किसी भी तरह ठगी के पर्चे कैंसिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के साथ साथ करण अरोड़ा द्वारा की दूसरे लोगों से ठगी के मामलो को भी सेटल करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि दोबारा करण अरोड़ा को जेल ना जाना पड़े। सूत्रो के अनुसार प्रशासन के अधिकारियों को ठगियो का पता था। लेकिन मिलीभगत के चलते वह शांत रहे।
पहले चला जमकर ठगियो का दौर
जानकारी के अनुसार आरोपी करण अरोड़ा महावीर एन्क्लेव का रहने वाला है। पहले करण अरोड़ा द्वारा लोगों को सस्ते प्लॉट देने की एवज में फर्जी प्लॉट बेचकर कई लोगों से ठगी की है। बताया जाता है कि करण अरोड़ा ने श्रमन जी वाटिका कॉलोनी में जमीन के खसरे न होने के बावजूद ये जमीन लोगों को बेच दी। इसी एवज में करण अरोड़ा ने लोगों से जमकर ठगी की। लोगों के पैसों को जमकर उड़ाया भी। लेकिन अब जमीनों की फर्द न मिलने के चलते लोगों ने करण अरोड़ा पर एफआईआर की शिकायतें देनी शुरु कर दी है। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी कॉलोनाइजर पर शिकंजा कसना शुरू किया।
सीपी ने कसा शिकंजा
जानकारी के अनुसार करण अरोड़ा की ठगियो का दौर काफ़ी लंबे समय से चला आ रहा है। उसकी और से लोगों से जमकर ठगियाँ की गई। सूत्रो के अनुसार उसकी कई प्रशासनिक अधिकारियों से अच्छी पहचान थी। जिसके चलते उस पर कभी भी किसी अधिकारी ने एक्शन नहीं लिया। लेकिन सीपी स्वपन शर्मा द्वारा चार्ज लेते ही करण अरोड़ा पर ठगी की एक के बाद एक चार एफ़आईआर दर्ज हुई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी पर शिकंजा कसा। जिसके नतीजे में अब पीड़ित लोगों को उनके पैसे वापस मिलने की उम्मीद जागी है। वही अगर पूर्व अधिकारियों द्वारा पहले ही यह एक्शन ले लिया जाता तो अब तक लोगों को इंसाफ़ मिल जाता। सूत्रो के अनुसार करण अरोड़ा की कई अधिकारियों के साथ अच्छी सेटिंग है। जिसके चलते ही उसकी और से बिना किसी डर के अपनी ठगियो का धंधा जारी रखा गया। जिसका काफ़ी हिस्सा अधिकारियों को भी जाता था। हालाकि इन ठगियो में करण अरोड़ा के साथ मंदीप अरोड़ा, राजेश गुप्ता, मुनीश गुप्ता और दिनेश कुमार भी आरोपी हैं।
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Yashpal Sharma (Editor)