पंजाब। आखिरकार भारत ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर ही दी। इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार आधी रात के बाद पाकिस्तान और पीओके, यानी पाक अधिकृत कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। भारत की ये जवाबी कार्रवाई पहलगाम हमले के 15 दिन बाद की गई है और इसका नाम दिया है ‘ऑपरेशन सिंदूर’। ये नाम उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस बीच, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हिफाजत कर सकता है। लेकिन भारत रुक जाता है तो हम भी रुक जाएंगे। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डॉयरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, भारत ने 24 मिसाइलें दागी हैं। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएम मोदी ऑपरेशन सिंदूर को पूरी रात मॉनिटर करते रहे।
भारत ने कहा- पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले नहीं किए
इंडियन आर्मी ने कहा कि स्ट्राइक में केवल आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए हैं। किसी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के ठिकानों को ही टारगेट के तौर पर सिलेक्ट किया गया था।
पहलगाम हमले में 26 पर्यटक मारे गए, TRF जिम्मेदारी लेकर मुकरा
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 पर्यटक मारे गए थे। आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी। हमले की जिम्मेदारी पहले लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि वह बाद में इससे मुकर गया था।
अमेरिका ने कहा- यह शर्मनाक है
भारत ने हमला पाकिस्तान में किया और इसका दर्द अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हुआ। जिसने कहा, 'यह शर्मनाक है। मुझे लगता है कि लोगों को पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। अगर आप इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।'
कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ था। इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। इसमें एक नेपाल का टूरिस्ट भी शामिल था। आतंकियों ने पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मारी थी। पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में इससे मुकर गया था।
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Yashpal Sharma (Editor)