चंडीगढ़। चंडीगढ़ में शुक्रवार को पहली हाउस मीटिंग में बीजेपी और कांग्रेस-आप गठबंधन आमने सामने आ गए। मामला था, प्रॉपर्टी टैक्स में इजाफे को लेकर टेबल पर आए एजेंडे को लेकर। जहां इस एजेंडे के आते ही कांग्रेस के दोनों लीडर जसबीर सिंह बंटी और तरुणा मेहता ने इसकी खिलाफत कर दी। वहीं मेयर ने भी इस एजेंडे से पासा मोड़ लिया। मेयर का कहना था कि यह बिल उनके संज्ञान में नहीं था, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर ने कहा कि अगर उन्हें इस एजेंडे के बारे में पता ही नहीं था तो उन्होंने कैसे इसे टेबल तक आने दिया। बिना उनके साइन के तो यह बिल आगे नहीं आ सकता। इसके अलावा उनका यह भी कहना था कि अगर मेयर इस प्रापर्टी टैक्स को लगाने के खिलाफ थी, तो उन्होंने पत्रकारों को इसके खिलाफ इंटरव्यू में भी बताया था, तो यह एजेंडा किसी हाल में पहली हाउस मीटिंग में नहीं रखना चाहिए था।
लोग नहीं दे पाएंगे इतना टैक्स
इस एजेंडे के खिलाफ बोलते हुए डिप्टी मेयर तरुणा मेहता और सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी का यही तर्क था कि पहले ही यहां के निवासियों पर बहुत बोझ है। इसके ऊपर उनपर अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं डाला जा सकता। यहां टैक्स को 3 प्रतिशत से बढ़ा कर 12 प्रतिशत करने, और हर साल 1% और बढ़ाने जब तक की यह 15% न हो जाए, तक करने की मांग थी। इस एजेंडे में लिखा गया है कि एससीएफ, शॉप्स, एससीओ और कमर्शियल प्रॉपर्टी पर यह टैक्स लगाना जरूरी है। इससे ही सरकारी खजाने की कमी पूरी हो सकती है। इसके अलावा रिहायशी घरों पर भी टैक्स लगाने की मांग थी।
एजेंडे को लेकर क्या बोली मेयर ?
इस मामले पर जब मेयर हरप्रीत कौर बाबला से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सबकुछ सामान्य ढंग से चल रहा है। वह अभी भी सब पार्टियों को साथ लेकर ही निर्णय लेने के पक्ष में हैं। आज की पहली हाउस मीटिंग में आए एजेंडे (प्रापर्टी टैक्स बढ़ाने) को उन्होंने खारिज कर दिया है। इसके अलावा भविष्य की नीतियां भी चंडीगढ़ वालों के हित में ही होगी। सरकारी खजाने में बढ़ोतरी के साधन ढूंढ़े जाएंगे।
हमारा पहला उदेश्य आप तक सबसे पहले और सही खबर पहुंचाना। हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसके बारे में आपकी नॉलेज को दुरुस्त करना। वहीं समाज की बुराईयों व गलत गतिविधियों संबंधी आगाह करना भी हमारे लक्ष्य में हैं।
Yashpal Sharma (Editor)