ई न्यूज पंजाब, लुधियाना "श्री रामशरणम् ,किचलू नगर में साप्ताहिक श्री अमृतवाणी सत्संग में श्री नरेश सोनी (भाई साहिब) ने कहा कि रामनाम सभी सुखों को देने वाला हैं और जग में सदा सहायक है। राम भक्त के कार्य कभी रुकते नही, अटकते नही। श्री राम सदा अपने भक्त के मार्ग दर्शक होते हैं। इस लिए हमें जग में राम नाम की पूंजी एकत्रित करनी है। वही परलोक में काम आती है। गुरु हमें अंधेरे से निकल कर उजाले की ओर ले कर जाता है। गुरु हमें राम से मिला सकता है। गुरु कृपा के बिना मोक्ष सम्भव नही है। जब सत्संग में जाने का मन करें तो मान लेना की अच्छा समय आने वाला है। अष्टवक्र जी के प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा की अष्टवक्र जी महा ज्ञानी थे पर के अंग टेड़े मेढे थे। एक दिन वह जनक जी की सभा मे गए। उन को देख कर जनक जी उन के आदर में खड़े हो गए। जनक जी को खड़े देख कर सभी सभासद भी खड़े हो गए। पर जब उन्होंने अष्टवक्र जी को देख तो वह बैठ गए। उन्होंने ने सोचा जनक जी ने उन के साथ उपहास किया है। यह देख अष्टवक्र जी वापिस जाने लगे। यह देख जनक जी ने उन को रोक और वापस जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा जहाँ मन की सुंदरता न देख शारीरक सुंदरता देखी जाए मुझे ऐसी सभा में नही रुकना। उन के ज्ञान को देख सभी सभासदों ने उन से क्षमा मांगी और उनसे ज्ञान देने प्रार्थना की, तो अष्टवक्र जी महाराज ने उन्हें क्षमा करते हुए कहा कि हमें तीन गुणों पर ध्यान देना है। वह हैं क्षमा, संतोष और भक्ति। हमें कभी भी अपने मन में किसी के प्रति मैल नही रखनी। जो मिला है उस में परमेश्वर की वाह वाह। हमें संतोष की ओर जाना है। दूसरों की तरक्की देख कर जलना नही है। अपने मन को राम नाम के जप, सिमरन और ध्यान में लगाना है। जीवन को प्रभु भक्ति में लगाना है। जिस में भी यह तीन गुण आ जाये उस का जीवन संवर जाता है। लाभ-हानि यश-अपयश सब विधाता के हाथ है। वह हमसे क्या कराना चाहता है यह वही जानता है। हम सिर्फ उसका एक ही पक्ष देख पाते हैं और उसी से दुखी या सुखी होते हैं।जीवन में सुख और दुख तो आयेगे। सुख और दुख तो हमारे कर्मो का फल है। यह सब हमारे कर्मों का फल है हमारे कर्म से हमारा भाग्य लिखा जाता है। शुभ कर्मों का फलों का परिणाम सुख और बुरे कर्मों के फलों का परिणाम दुख रूप में हमें मिलता है। सफलता व असफलता से मनुष्य का मनोबल बदलता रहता है ।परन्तु मनुष्य को सब कर्म परमेश्वर के अधीन छोड़ कर चिंता मुक्त हो जाना चाहिए। भाई साहिब ने सूचित किया कि 08.12.2019 से श्री राम शरणम्, गोहाना में 90 दिवसीय अखण्ड जप यज्ञ का शुभ आरम्भ होगा। जप यज्ञ के शुभ आरम्भ पर विशेष सत्संग प्रातः 10-30 से 12-00 बजे तक श्री रामशरणं गोहाना में होगा।
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Yashpal Sharma (Editor)