लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में भी आज कल अजीब स्थिति बनती दिखाई दे रही है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अफसर अपनी स्कीमों में जहां धड़ाधड़ पिछले दो सालों में अवैध निर्माण खडे़ कर दिए हैं, उन पर तो कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है, लेकिन ऐसी स्कीमें जो नगर निगम को हैंड ओवर हो चुकी हैं, उनमें जाकर दखलअंदाजी करनी शुरु कर दी है। हालांकि ऐसी कार्रवाई ट्रस्ट के ऑन रिकार्ड तो नहीं हैं, लेकिन एक एक्सईन स्तर के अफसर की ओर से इस कार्रवाई को सही बताया जा रहा है। उसका कहना हैं चाहे कोई स्कीम नगर निगम को हैंड ओवर हो चुकी है, लेकिन वे अपनी स्कीम में आती प्रॉपर्टी जिस पर कोई निर्माण किया जा रहा हो, उसका नक्शा मांग सकता है और इल्लीगल काम बंद करवा सकता है। बड़ी बात है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पास ऋषि नगर, शहीद भगत सिंह नगर, राज गुरु नगर जैसी कुछ ओर स्कीमें हैं, जिनमें धड़ल्ले से इल्लीगल निर्माण किया जा चुका है और ट्रस्ट के अफसर केवल कागजी कार्रवाई कर सख्त कार्रवाई से बच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसी स्कीमें जो नगर निगम को हैंडओवर की जा चुकी हैं और जिनका पूरा बिल्डिंग कंट्रोल नगर निगम देख रहा है और नक्शे से लेकर सीवरेज पानी कनेक्शन व प्रॉपर्टी टैक्स तक निगम वसूल रहा है, वहां अब नगर निगम और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दोनों के अफसर अगर मौके पर जाएंगे तो अजीब स्थिति बननी तय है। गौर हो कि नगर निगम में इल्लीगल बिल्डिंगों के निर्माण को रुकवा सेवादार भी मोटी जेबें गर्म कर जाते हैं और अब इस मामले के पीछे का कारण क्या है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। ----- क्या कहते हैं नियम और सरकारी आर्डर बात करें नियमों की तो सरकार की ओर से जारी आदेश मुताबिक जो स्कीमों इंप्रूवमेंट ट्रस्ट नगर निगम को हैंड ओवर कर चुका है, उसमें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अफसर किसी भी बिल्डिंग पर सीधे हीं जा सकता। हैंडओवर स्कीम में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का अफसर नगर निगम को पत्र लिख बिल्डिंग के नक्शे या कोई अन्य जानकारी ले सकता है। इसके अलावा नगर निगम भी ऐसी स्कीम जो उन्हें ट्रस्ट ने हैंडओवर की हैं, में कोई नक्शा (रिहायशी या कामशिर्यल) पास करने से पहले ट्रस्ट से एनओसी लेगा, लेकिन इसका भी नगर निगम पालन नहीं कर रही। --------- घरों में खुल गई प्रॉपर्टी डीलर की दुकानें, मगर कोई कार्रवाई नहीं बात करें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की स्कीमों की तो इनमें शहीद भगत सिंह नगर में सबसे अधिक रिहायशी एरिया में प्रॉपर्टी डीलर व कालोनाइजर्स की दुकानें पिछले कई सालों से चल रही है। ये दुकानें खासकर ब्लाक ई में चल रही हैं। वहीं ब्लॉक एफ में तो रिहायशी प्लाटों में स्कूल, क्लीनिक, बैंक, अस्पताल तक बनाकर चलाए जा रहे हैं। ऐसा ही हाल ऋषि नगर स्कीम में भी हैं जहां पर फलैटों में कामशिर्यल दुकानें बना डाली गई है और धडल्ले से यहां ये दुकानदारी चलाई जा रही है। इसके साथ साथ किचलू नगर स्कीम जो नगर निगम को हैंडओवर हो चुकी हैं, में भी ट्रस्ट की रिहायशी स्कीम में कैमिस्ट, रेस्टोरेंट, प्रॉपर्टी डीलर व अन्य सामान की दुकानें चल रही हैं, लेकिन ट्रस्ट की ओर से नगर निगम से इस संबंधी कार्रवाई को नोटिस या पत्र तक भेजने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। शिकायतकर्ताओं को ये कहकर लौटा दिया जाता है कि ये स्कीमें नगर निगम को हैंड ओवर हैं। ------- वहीं इस बारे में जब नगर निगम के साथ साथ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एमटीपी का चार्ज देख रहे रजनीश वधवा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि ये उनके ध्यान में नहीं है। लेकिन ये साफ है कि निगम को हैंडओवर स्कीम में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का मुलाजिम या अफसर किसी बिल्डिंग का नक्शा नहीं पूछ सकता और ये गलत है।
Improvement Trust Xen Raided The Buildings Being Built In The Handover Area To The Corporation