वीरवार की"प्रार्थना सभा" में श्री नरेश सोनी (भाई साहिब) ने प्रभु श्री राम से सभी के भले के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि प्रभु श्री राम एवं गुरुजनों की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे। हे राम! आप का आशीर्वाद पाने हम आप के दरबार में आये है। मेरे राम हम आप की कृपा के पात्र बनने के इच्छुक हैं। इस के लिए हम ने जितना भी आप के नाम का जाप किया है, वह आप के श्री चरणों में अर्पित है। मेरे राम हमारी इस भेंट को स्वीकार कीजिएगा। हम आप के सेवक है, प्रभु आप हमारे स्वामी हैं। आपने हमें ऐसे ही अपने दास बनाये रखना है। प्रभु हमें केवल आप का ही भरोसा है। आप की दया के बिना हमारे कारज कौन संवरेगा। कामना वासना के अधीन हो कर जो गलतियां हम से हुई है, उन्हें आप के दरबार में क्षमा करवाने आये है। मेरे राम हमने जग का होकर देख लिया बस अब आप का होना बाकी है। आप का होने के लिए आप की शरण में आये है। नरेश सोनी जी ने कहा कि प्रार्थना ही क्षमा याचना है। प्रार्थना सभा में आ कर हमने चित को निर्मल करना है। प्राणी के मन का स्वभाव पानी की भांति नीचे को ओर जाने का है। बचपन में जब माँ बाप और गुरु गलतियां करने से रोकते थे तो अच्छा नही लगता था। आज जब हम सत्संग में आ रहे हैं, तो हमें अपनी गलतियों का बोध हो रहा है। क्या ठीक है, क्या गलत है, इस का अनुभव हो रहा है। आज हमारा मन जाने अनजाने में हुई गलतियों को स्वीकार करने का करता है। जब तक व्यक्ति गलती को गलती नही मानता तब उस से गलती छूटती नही। आज हमने प्रभु श्रीराम और गुरूजनों से अपने द्वारा जाने अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा माँगनी है। समर्पण से सब कुछ मिलता है। श्री राम एवम गुरु चरणों में समर्पण से ही साधक का जीवन बदल सकता है। जब भी कभी साधक संकटों में घिरा हो उस समय पूर्ण भक्ति व प्रेम भाव से राम नाम का सिमरन करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। महाराज जी ने सामूहिक प्रार्थना में बहुत बल बताया है। सामूहिक तौर पर प्रार्थना करने से प्रभु की शीघ्र कृपा होती है। जो अपने अभिमान को शांत कर लेता है वही जग में मान सम्मान को पाता है। सोनी जी ने सभी साधको को श्री राम शरणम् , गोहाना में बड़े भावचाव से चल रहे 90 दिवसीय जप यज्ञ की पुर्णाहुति में सम्मलित होने की प्रेरणा देते हुए बताया कि इस महान जपयज्ञ की पूर्णाहुति 8 मार्च रविवार को सुबह 10.30 बजे से 12.00 बजे के सत्संग में गोहाना में होगी।