ई न्यूज पंजाब, लुधियाना। आज रविवार की सभा मे भाई साहिब ने साधकों के लिए परम पिता श्री राम और गुरुजनों से सब के मंगल की प्रार्थना की। सोनी जी (भाई साहिब) ने कहा कि राम नाम का जाप सब से ऊंची करणी है। राम नाम का जाप सब से सरल समाधि कही है।राम नाम में इतनी शक्ति है जो दुखों का निवारण कर सुखों का संचार करता है। राम नाम के सिमरन से सभी रिद्धियाँ और सिद्धिया सहज से मिल जाती हैं। जब भी मझधार में फंसे हो तो राम नाम के जाप से सहज से किनारा मिल जाता है। जिस पर श्री राम की कृपा हो जाये उस के कष्टों कलेशों का निवारण स्वयं ही हो जाता है। राम नाम, सुख होय या दुख होय हर समय साधक का साथी होता है, इस बात का पूर्ण विश्वास रखना है। जो अपनी जीवन नैय्या को सतगुरु के सहारे छोड़ देता है, वह भवसागर से पार हो जाता है। जिस को राम नाम रूपी धन मिल जाये उस को इस दुनिया की धन दौलत से कुछ लेना देना नही रहता। भक्त ध्रुव जी के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि श्री राम किसी रंक को राजा बना सकते हैं और राजा को रंक बना सकते हैं। ध्रुव जी एक राजा के पुत्र थे। एक दिन वह अपने पिता की गोद में बैठे थे तो उन की सौतेली माँ ने उन को वहां से भगा दिया। वह रोते रोते अपनी माँ के पास आये। माँ ने उन से उन की व्यथा सुन कर कहा कि इस जगत के पिता तो श्री राम हैं उन्हें उन की शरण में जाना चाहिए। इस के लिए राम नाम का जाप करना चाहिए। ध्रुव जी वन में जा कर राम नाम का जाप करने लगें। राम नाम के जाप से ध्रुव जी के मन को शांति मिली। ध्रुव जी ने प्रभु श्री राम के साथ लौ लगा ली, उनके शत्रु भी उनके साथ हो लिए। उन की सौतेली माता और पिता ने भी उन की शरण में आ कर अपने पाप क्षमा करवाये। झोंपड़ी में रहते हुए भी उनके पास शहनशाही आ गई। हमने भी उसी प्रकार उस परम शक्ति से लगन लगानी है। अपने सभी कर्तव्य, कर्म राम नाम का जाप करते हुए करने है। हमें किसी के भलाई के लिए किए कर्मों में कभी संशय नही करना है। अपने कर्तव्य कर्मों से विमुख नही होना है। आज के युग में सब से बड़ा रोग संशय और वहमों मे फसना है। जब जीवन में संशय आ जाता है तो जीवन बरबाद हो जाता है। संशय कुसंग से आता है। इस लिये हमें कुसंग से भी बचना है। जब बहम, संशय, अंध विश्वास बढ़ जाता है तो सामाजिक ताने बाने नष्ट हो जाते है। इस से बचने के लिए ज्ञान की आवश्यकता है और ज्ञान केवल सत्संग और गुरु से ही मिलता है। हमें मानव जीवन बड़ी दुर्लभता से मिला है। मनुष्य के पास जीवन में सीमित समय है जो कि पल पल समय कम हो रहा है । इसलिए मनुष्य को इस समय को परोपकार में, सेवा में, प्रभु के सिमरण में लगाना चाहिए, क्योंकि अंत में केवल राम नाम ही सहारा देने वाला है। आदरणीय नरेश सोनी जी ने वार्षिक परीक्षायों की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की विशेष सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को परीक्षा से डरना नहीं चाहिए। इन दिनों में उन को चिंता नही करनी। उन्हें मेहनत करनी है और श्री राम से मेहर माँगनी है। फल श्री राम पर छोड़ देना है। उन्हें परम पिता श्री राम पर विश्वास रखना है और उन से प्रार्थना करके परीक्षा में जाना है। श्री राम पल पल उन के साथ हैं इस का विश्वास रखना है। राम नाम के मंत्र में बड़ी शक्ति है, बात सिर्फ विश्वास की है। विश्वास जितना पक्का होगा, श्री राम की कृपा उतनी ही सहजता से प्राप्त होगी। बच्चों को राम नाम की शक्ति में संशय नहीं होना चाहिए।