यशपाल शर्मा, लुधियाना बीती 6 अप्रैल को लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में चंडीगढ़ से चीफ विजिलेंस आफिसर राजीव सेकड़ी की ओर से अपनी टीम के साथ की गई छापामारी को डेढ़ महीना गुजरने को है, लेकिन इस छापामारी का कोई नतीजा सामने नहीं अया है। असल में सीवीओ टीम की ये छापामारी केवल आई वॉश थी या खुद सीवीओ की कुर्सी पर बैठे राजीव सेकड़ी अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में है, ऐसी कईं अफवाहें लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक उड़ने लगी हैं। बात करें लोकल गर्वमेंट की तो इसमें तैनात केवल प्रिंसिपल सेक्रेटरी एके सिन्हा को ही पंजाब सरकार की ओर से बदला गया है, जबकि अभी तक इस डिपार्टमेंट के डायरेक्टर भी तबादले के इंतजार में हैं। वहीं इसी डिपार्टमेंट में सबसे अहम पद ज्वाइंट डायरेक्टर का है, जो कांग्रेस कार्यकाल में लोकल गर्वमेंट और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के बीच अंडर स्टेंडिंग व सेटिंग करवाने में अहम भूमिका निभाता रहा है। सूत्र बताते है कि लोकल डिपार्टमेंट के पूर्व मंत्री- सेक्रेटरी स्तर के आला अफसरों और नीचे इंप्रूवमेंट ट्रस्टों के चेयरमैन व ईओ के बीच की सेटिंग यहीं से चलती रही है। ऐसे में जब तक इन पदों पर पुराने अफसर ही विराजमान रहेंगे तब तक ये डिपार्टमेंट घोटालों की जांच पर सख्त एक्शन व पब्लिक को इंसाफ नहीं दिला पाएंगे। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में पूर्व चेयरमैन रमण बाला सुब्रामानियम के कार्यकाल में दर्जनों ऐसे मामले हैं, जिनमें सरेआम धांधली व घोटालें का कीचड़ उछलता रहा है, लेकिन इन सभी मामलों में पंजाब में बनी नई आम आदमी पार्टी की सरकार इन्हीं पुराने अफसरों की बदौलत किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पा रही है। इसका बड़ा कारण ये भी है कि जो मामले जांच के दायरे में हैं, उनमें इन पुराने अफसरों की भी कहीं न कहीं मिलीभगत दिखाई देती है और ऐसे में वे नहीं चाहेंगे कि इन मामलों की जांच तह तक पहुंचे। लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का चार्ज लुधियाना की 2012 बैच आईएएस व डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक को मिल चुका है और अभी तक उनकी ओर से भी ट्रस्ट की कारगुजारी को गंभीरता से नहीं लिया गया है। फिलहाल उनकी ओर से भी ट्रस्ट की जो डाक साइन की जाती है, उसके लिए एक अलग चैनल बना दिया गया है। ईओ के बाद ये डाक लुधियाना ट्रस्ट में ही तैनात लैंड एक्वीजिशन कलेक्टर व पीसीएस अधिकारी नीरु कत्याल गुप्ता से होकर डिप्टी कमिश्नर सुरभि मलिक के पास पहुंचती है। ----- जांच के दायरे में हैं ये मामले, जुटाए जा रहे दस्तावेज - मॉडल टाउन एक्सटेंशन पौने चार एकड़ जमीन का डीसी रेट फिक्स करवाए बिना ई आक्शन करवाने वालों पर अभी तक क्यों नहीं हुई कार्रवाई -पूर्व चेयरमैन रमण बाला सुब्रमानियम की प्राइवेट कालोनी में बनी कोठी के साथ लगती सरकारी जमीन पर लाखों रुपए के सरकारी फंड से पार्क बनाने व इसकी प्लानिंग करने वालोे पर क्यों नहीं लिया गया एक्शन -ऋषि नगर में करीब 200 करोड़ रुपए की सरकारी पॉश साढे़ तीन एकड़ जमीन पर बाहरी स्कीमों के 500 गज के एलडीपी प्लॉट मामले की जांच अधर में -सरकारी प्रॉपर्टियों की ई आक्शन में हुए बडे़ घोटालें की जांच आखिर कहां रुकी -ई टेंडरिंग में गोलमाल करके कांट्रेक्टरों से दस फीसदी कमीशन लेकर टेंडर देने में क्या लिया गया एक्शन -ऋषि नगर में गरीबों के फलैट तोड़कर बनी दो मंजिला इमारत पर एक्शन लेने को अभी किसके फरमान का इंतजार - विधानसभा चुनाव से पहले तीन से छह महीने के अंतराल में करीब 25 करोड़ से बनी सड़कें जो कईं जगहों से टूट चुकी है, पर सरकार का एक्शन लेना अभी पेंडिंग -सनेत में सरकारी जमीन जिस पर गरीबों के फलैट बनना प्रपोज था, पर पार्क बनाकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए की चपत लगाने संबंधी मामले की जांच - ट्रस्ट की ओर से खरीदे गए घटिया कमपैक्टर जो निगम को हैंड ओवर किए गए हैं, इनमें हुई धांधली की जांच - पिछले ढाई साल में 3 लाख रुपए तक के करवाए गए कामों में हुआ बड़ा स्कैम -ओरियंट सिनेमा जिसका करोड़ों रुपए ट्रस्ट को देना पेंडिंग था, को कैसे लाखों रुपए लेकर समेटा गया, इसकी जांच पेंडिंग -एलडीपी प्लाट के डेढ़ दर्जन से अधिक मामले जिनमें लाखों रुपए की रिश्वत लेकर प्रस्ताव ट्रस्ट से पास कर सरकार को भेजे गए है, में अधिकतर केस बोगस हैं और इनमें अपने चहेते वकील की राय लेकर जाली क्लेम खडे़ किए गए हैं। -------- इनमें से अधिकतर मामलें सीवीओ की जांच के दायरे में हैं, लेकिन ये सभी धांधलियां तब अंजाम दी गई, जब यही अफसर मौजूदा कुर्सियों पर पहले भी तैनात थे, तो ऐसे में वे खुद अपनी इंक्वायरी पर सही रिपोर्ट कैसे कर पाएंगे। खुद सीवीओ कईं एलडीपी केसों में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ईओ कुलजीत कौर से कईं दस्तावेज मांगती रही हैं, लेकिन वे उपलब्ध नहीं करवा पाईं। पंजाब के सीएम भगवंत मान की ओर से लोकल गर्वमेंट की कमान अपने पास रखी गई हैं और उनकी ओर से इस डिपार्टमेंट में आईएएस विवेक प्रताप सिंह को प्रिंसिपल सेक्रेटरी लगाया गया है। विवेक प्रताप सिंह एक सख्त व ईमानदार अफसर कहे जाते हैं, लेकिन लोकल गर्वमेंट में वे खुद को कैसे साबित करते हैं, ये आने वाले दिनों या महीनों में साफ हो जाएगा। -------
After The Raid In Cvo Improvement Trust The Result Is Zero