यशपाल शर्मा, लुधियाना पंजाब में कांग्रेस की सत्ता पलटते ही अब गिल रोड पर करीब दो एकड़ में बन रहे ग्रैंड मैनर प्रोजेक्ट विवाद भी गर्माता दिखाई देने लगा है और अब इसमें लोकल गर्वमेंट के आला अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई देने लगी है। गौर हो कि पंजाब पुलिस के पूर्व डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने इसी विवाद को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू के खिलाफ लुधियाना की निचली अदालत में केस फाइल किया हुआ है और अब इस मामले में लोकल गर्वमेंट के आला आफिसर (सीनियर आईएएस) की गवाहियों का सिलसिला चल रहा है और दो दिन पहले ही इस मामले में सीनियर आईएएस व एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टू सीएम ए वेणुप्रसाद व आईएएस करुणेश शर्मा कोर्ट के समक्ष पेश हुए और उनकी ओर से ग्रैंड मैनर मामले में अपनी अपनी गवाही दी।असल में जब ये विवाद उठा था तक ए वेणुप्रसाद लोकल गर्वमेंट के सेक्रेटरी व करणेश शर्मा लोकल गर्वमेंट डायरेक्टर थे। इन आला अधिकारियों को निचली अदालत तक लाने का किस्सा भी बड़ा मजेदार रहा। जिसे लेकर कोर्ट को नोटिस से लेकर सम्मन तक जारी करना पड़ा, लेकिन सीनियर आईएएस होने के नाते ये अधिकारी निचली अदालत में पेश होने तक को तैयार नहीं थे और कोर्ट के पास इसकी पॉवर तक न होने की बात कह रहे थे। इसमें सबसे बड़ा अडंगा लोकल गर्वमेंट के सीनियर लॉ अफसर एनएस सोढ़ी बड़ा अडंगा अटकाए हुए थे, लेकिन कोर्ट के कडे़ रवैये के चलते इन आला अफसरों को कोर्ट में पेश होना ही पड़ा। वहीं इस पेशी में लोकल गर्वमेंट के सीनियर लॉ अफसर एनएस सोढ़ी के किंतु परंतु करने पर चीफ ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट अमित मक्कड़ ने जमकर फटकार भी लगाई। असल में हुआ ये कि जब इस मामले मेें कोर्ट सीनियर आईएएस ए वेणुप्रसाद के बयान दर्ज कर रही थी तो एनएस साोढ़़ी बीच बीच में टोका टाकी कर रहे थे, जिस पर अदालत ने कड़ा संज्ञान लेते हुए एनएस सोढी को आगाह करते कहा कि वे भविष्य में ऐसी गलती न करें वरना इसे बेहद गंभीरता से लिया जाएगा। गौर हो कि करीब दो एकड़ में बन रहे इस हाउसिंग प्रोजेक्ट ग्रैंड मैनर की फाइल लोकल गर्वमेंट व नगर निगम के रिकार्ड से गायब है। लोकल गर्वमेंट के अफसर इस मामले में कोर्ट को दी गई गवाही मुताबिक इस फाइल को तत्कालीन लोकल गर्वमेंट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पास भेजे जाने की बात कहते रहे हैं, लेकिन अभी तक इस मामले में सरकार की ओर से कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई गई है। ------ अब इस मामले में कोर्ट ने डायरेक्टर पुनीत गोयल व सीवीओ को किया तलब कोर्ट ने अब इस मामले में आइएएस ए वेणुप्रसाद व आईएएस करणेश शर्मा के बयान दर्ज करने के बाद उन्हें इस केस से डिस्चार्ज कर दिया और साथ ही ये हुक्म भी दिए हैं कि जब उन्हें इस मामले में उनकी जरुरत होगी तो उन्हें कोर्ट आना होगा। इस गवाही के तुरंत बाद कोर्ट ने मौजूदा सीवीओ राजीव सेकडी व लोकल गर्वमेंट के डायरेक्टर पुनीत गोयल को इस मामले से संबंधित पूरे रिकार्ड के साथ 10 मई 2022 को पेश होने के सम्मन जारी कर दिए हैं। ------------ जानें क्या है पूरा मामला ये वहीं मामला है जिस मामले में करीब चार साल पहले आरटीआई एक्टिविस्ट कुलदीप खैरा की ओर से गिल रोड जीएनई कालेज के नजदीक करीब दो एकड् जमीन पर बन रहे ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट ग्रैंड मैनर के निर्माण पर सवाल खडे़ करते शिकायत दी थी कि इस प्रोजेक्ट का सीएलयू तक नहीं हुआ है और इस प्रोजेक्ट के लिए कम से कम 60 फुट की सड़्क चाहिए। जबकि मौके पर इस जमीन को नहरी विभाग की सुआ की जमीन पड़ती थी और इस पर एक सड्क डाल कर इसे रास्ता दिखा दिया गया। बाद में यही साफ नहीं इो पाया कि ये सड्क किस डिपार्टमेंट ने बनाई है। जब कि ये प्रोजेक्ट नगर निगम के दायरे में आता है, लेकिन इस प्राेजेक्ट के लिए लगती सड्क नगर निगम के दायरे से बाहर है। खैरा की शिकायत व मामला गर्माता देख तत्कालीन लोकल गर्वमेंट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धु ने इस मामले की इंक्वायरी लोकल गर्वमेंट में बतौर डीएसपी तैनात बलविंदर सिंह सेखों को दी थी। सेखों की ओर से तैयार रिपोट के दौरान तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु इस पिक्चर में आए और 2019 में आशू व डीएसपी के बीच हुई मोबाइल रिकार्डिंग वाॅयरल हो गई। जिसमें आशु की ओर से डीएसपी सेखों को मिद कर रख देने की बात बोली जा रही थी। इसके बाद इस पूरे मामले की फाइल सरकारी रिकार्ड से गायब हो गई और बाद में डीएसपी सेखों को रिटायरमेंट के दिन नौकरी से डिसमिस का आर्डर थमा दिया गया। इसी मामले में रिटायर्ड डीएसपी की ओर से पूर्व कैबिनेट मंत्री आश् के खिलाफ कोर्ट में एक केस फाइल किया गया और सेखों की पैरवी इस केस में सीनियर वकील हरीश राय ढांडा कर रहे है और अब यही केस पुरी तरह से गर्माता दिखाई दे रहा है।