यशपाल शर्मा, लुधियाना तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिए गए पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के पीए कहे जाने वाले पंकज मीनू मल्होत्रा की ओर से विजिलेंस के समक्ष कई तरह के खुलासे किए जाने की बातें सूत्रों के हवाले से आ रही है मीनू मल्होत्रा इस मामले में लंबे समय से फरार था और और भगोड़ा होने के कगार पर पहुंचने के बाद उसने विजिलेंस के समक्ष समर्पण कर दिया। जानकार बता रहे हैं कि बहुत जल्द इस मामले में फरार चल रहे भारत भूषण आशू के पीए के तौर पर पहचान बनाने वाले इंद्रजीत सिंह इंदी भी जल्द विजिलेंस के समक्ष पेश हो सकते हैं। मीनू पंकज मल्होत्रा को विजिलेंस आज कोर्ट में पेश करेगी और फिर से पुलिस रिमांड की मांग कर सकती है। मीनू के आत्मसमर्पण के पीछे एक आम आदमी पार्टी के विधायक का नाम भी लिया जा रहा था। वही विजिलेंस यह भी जानने की कोशिश की है कि मीनू मल्होत्रा को इतने दिन किस किस ने पनाह दी और किस-किस के ठिकानों पर जाकर वह छुपा रहा। बताया जाता है कि मीनू के परिजन और कुछ नजदीकी इस विधायक के लिंक में थे और विजिलेंस में मीनू की ज्यादा आओ भगत ना हो इसको लेकर उनका अधिक जोर था। इसके साथ साथ मीनू मल्होत्रा ने पिछले 5 सालों में करोड़ों की प्रॉपर्टी किस तरह से जोड़ी यह भी विजिलेंस के सवालों में एक अहम सवाल है और और पूर्व मंत्री की ओर से भी कहां-कहां पर इन्वेस्टमेंट की गई इस संबंधी भी सवाल उसकी पूछताछ के घेरे में है। ------------------------- -मंत्री की गाड़ी का स्टेरिंग पकड़ने वाला शख्स भी जांच के दायरे में सूत्र बताते हैं कि मीनू के पुलिस रिमांड के बाद विजिलेंस भारत भूषण आशू की गाड़ी का स्टेरिंग पकड़ने वाले एक और शख्स की तरफ अपनी जांच को बढ़ा सकती है । इस शख्स को नई नई गाड़ियां बदलने और नए मोबाइल बदलने का भी शौक था। इसका बड़ा कारण है कि मीनू पंकज मल्होत्रा और इंद्रजीत सिंह इंदी ज्यादा समय में लुधियाना ऑफिस का ही कामकाज देखते रहे हैं, लेकिन मंत्री पूर्व मंत्री की गाड़ी चलाने वाला यह शख्स उनके साथ ज्यादा समय चंडीगढ़ में ही बताता था और उसको चंडीगढ़ स्थित 39 सेक्टर में अलॉट की गई सरकारी कोठी में कमरा भी मिला हुआ था। इसके साथ-साथ इस कोठी में रहने वाले कुछ और लोग भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। बताया जाता है कि इस शख्स की पुलिस में काफी अच्छी पकड़ है और इसके चलते अभी तक विजिलेंस भी उक्त शख्स पर कार्रवाई करने से कतराती रही है। इतना ही नहीं आशु के मंत्री रहते इस शख्स का इतना दबदबा था कि वह पुलिस अफसरों की भी ट्रांसफर करवाने के लिए भी जाना जाता था। लेकिन अब जब मीनू मल्होत्रा की ओर से इस शख्स का नाम लिया गया है तो विजिलेंस को भी अब इस शख्स को अपनी कार्रवाई के दायरे में लाना पड़ सकता है। अभी तक इस शख्स पर कार्यवाही को लेकर विजिलेंस सीधे-सीधे कोई किसी व्यक्ति का लिंक नहीं ढूंढ पाई थी। सुनने में यह भी आ रहा है कि फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट में ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाले का अहम कांट्रेक्टर तेलू राम जो फिलहाल इसी मामले में जेल में बंद है, की ओर से मीनू पंकज मल्होत्रा को ₹6 लाख की रिश्वत देने की बात अपने बयान में दर्ज कराई थी बताया जाता है कि इस राशि को भी मीनू पंकज मल्होत्रा की ओर से कबूल कर लिया गया है अब ऐसे में मीनू पंकज मल्होत्रा की ओर से इतनी बड़ी राशि रिश्वत में पकड़ने के पीछे पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू से कौन सा बड़ा काम करवाया गया यह बड़ी जांच के दायरे में है। बड़ी बात है कि मीनू पंकज मल्होत्रा के सरेंडर करने के बाद विजिलेंस के पास ऐसे और नामों का दायरा बढ़ सकता है जो भारत भूषण आशू से फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के काम करवाने को आते थे और कुछ ही मिनट में फोन कॉल करवा कर अपने काम करवा निकल जाते थे। बताया जाता है कि मीनू पंकज मल्होत्रा की ओर से जो बयान विजिलेंस में दिए जा रहे हैं, उस पर नजर लुधियाना से लेकर चंडीगढ़ तक है और विजिलेंस के चंडीगढ़ बैठे आला अफसर भी इन बयानों के तहत थी, इस कार्रवाई को आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।
Many Important Revelations Of Meenu Malhotra To Vigilance Many Names Will Come Under Investigation