यशपाल शर्मा, लुधियाना अगर शहर में जुआ खेले जाने की बात कही जाए तो दीवाली की याद आ जाती है, लेकिन शहर में जुएं के कईं अडडे़ ऐसे बन गए हैं, जहां पर 365 दिन दो से तीन ग्रुपों में जुआं खिलवाया जा रहा है। इन जुएं के अड़डों के एवज में बिल्डिंग मालिक रोजाना हजारों रुपए में कमाई कर रहे हैं और कारोबारी लाखों रुपए की हार जीत कर अपने घरों को लौट रहे हैं। ये जुएं के अडडे़ इतने लंबे समय से चल रहे हैं कि इनमें पुलिस की मिलीभगत न हो, ये कहना ठीक नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक यहां से पुलिस को महीना पहुंचा रहा है और यही कारण है कि इनमें कभी पुलिस की छापेमारी भी नहीं होती। आजकल शहर के सभी बडे़ क्लब बंद हैं और इसके चलते लोगों का जमघट लगना भी लगभग बंद हुआ पड़ा है, इसके चलते जुएं के शौकीन लोग एक दूसरे को अपनी कोठी पर बुला जुएं में आज कल कुछ अधिक ही रुचि ले रहे हैं। इसका बड़ा कारण है कि कोरोना के चलते जहां अधिकतर लोगों का कारोबार चौपट हो कर रह गया है।अब चाहे इंडस्ट्री व बिजनेस चलाने की सरकार ने मंजूरी दे दी है, लेकिन अब लेबर की किल्लत के चलते कारोबारी टाइम पास को जुएं का सहारा ले रहे हैं। इस समय शहर में कईं जगहाें पर जुआ धड़ल्ले से खिलाया जा रहा है। पक्खोवाल रोड़ पर एक क्लब में भी आजकल ग्रुप में जुएं खिलाया जा रहा है। इसके अलावा माडल टाउन मे नए दीप अस्पताल के सामने भी एक घर में 300 रुपए लेकर जुआं खेलने की एंट्री फीस ली जा रही है। यहां ये जुआं पहली मंजिल में खिलाया जा रहा है। इसके अलावा जवदी मेन रोड पर भी एक टेंट हाउस के पास चार नंबर गली में जुएं का अड़डा चल रहा है और यहां भी 300 रुपए एंट्री फीस लेकर बैठने की इजाजत दी जा रही है। यहां एक टाइम में दो से तीन ग्रुप में जुआ चलता है और फ्लैश व कनवा में ओपन नो लिमिट चाल तक डाली जाती है। इन ग्रुपों में परिचित लोगों को ही बाहर से एंट्री मिलती है और यहीं कारण है कि बाहर का आदमी इसमें एंट्री नहीं कर पाता। ऐसे ही कुछ अडडे दरेसी एरिया में भी चलने की बात कही जा रही है।
Gambling Is Being Played In Many Places Of The City