लुधियाना की पंजाब एग्रीक्लचर यूनिवर्सिटी (पीएयू) में सैर या वाॅक करने के नाम पर नगद में आम पब्लिक से एंट्री के नाम पर की जाने वाली रिकवरी के खिलाफ जस्टिस फॉर कॉमन पब्लिक वैलफेयर सोसायटी की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को शिकायत भेज इस रिकवरी को बंद करने की मांग की है और साथ ही पब्लिक से अब तक पिछले सालों में इस एंट्री के नाम पर ली गई फीस भी रिफंड करने को कहा है। जस्टिस फॉर कॉमन पब्लिक वैलफेयर सोसायटी की ओर से पब्लिक को पीएयू में एंट्री करने से रोकने में इसे आम पब्लिक के अधिकारों का हनन बताया है। इसमें उन्होंने भारत के संविधान जिसमें फंडामेंटल राइटस गारंटिड अंडर आर्टिकल 19 (1) (डी) की उल्लंघना बताते हुए इस रिकवरी व गेट पास को गैर कानूनी बताया है। गौर हो कि पीएयू प्रबंधन की ओर से रोजाना सैर करने को आने वाली आम पब्लिक से 50 रुपए सालाना फीस लेकर गेट पास बनाना शुरु किया और अब पीएयू इस सालाना पास के लिए 2550 रुपए चार्ज कर रही है। बड़ी बात है कि इस पास के लिए एक फार्म 2550 रुपए की नगद राशि देने पर दिया जाता है और उसके बाद दो तीन दिनों में ये पास बन जाता है। ऐसे में अगर पीएयू आम पब्लिक से ये फीस कैश में ले रहा है तो ये किस खाते से सरकार के खाते में जाता है, ये अपने आप में एक सवाल है। इस शिकायत की कापी पीएयू के वाइस चांसलर, एग्रीक्चलर मंत्री और डिप्टी कमिश्नर लुधियाना को भेजी गई है।