करीब दस महीने के लंबे इंतजार के बाद ई न्यूज पंजाब (वेबपोर्टल) की खबरों पर सच्चाई की मोहर लग गई है। आज पंजाब पुलिस के विजिलेंस ईओ विंग ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमण बाला सुब्रामनियम और गिरफतार ईओ कुलजीत कौर पर एलडीपी केसों व ई आक्शन मामले में नई एफआईआर दर्ज कर अब इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में चल रहे घोटालों को नया रंग दे दिया है। इन मामलों में विजिलेंस की ओर से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में रमण बाला सुब्रमानियम के पीए संदीप शर्मा सैंडी, इंजीनियरिंग विंग के एसडीओ अंकित नारंग, क्लर्क प्रवीण शर्मा, क्लर्क गगन कुमार पर भी एफआईआर दर्ज की है। हालांकि संदीप शर्मा को विजिलेंस गिरफतार कर चुकी है। जबकि अंकित नारंग व क्लर्क गगन कुमार की तालाश में छापामारी की जा रही है। बताया जाता है कि दो तीन दिन पहले पूर्व चेयरमैन के बीआरएस नगर के साथ लगती कालोनी में बनी कोठी पर भी विजिलेंस की ओर से दबिश दी जा चुकी है। वहीं अब विजिलेंस की ओर से रमन बालासुब्रमण्यम के कार्यकाल में करवाई गई ई ऑक्शन मामले में भी विभिन्न कंपनियों का रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया गया है। यह वह कंपनी है, जिन की ओर से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ई ऑक्शन में पार्टिसिपेट किया गया था। जानकारी मुताबिक विजिलेंस की ओर से वीरवार को फिरोजपुर रोड स्थित एक शेयर बाजार से जुड़ी बड़ी कंपनी जिस की ओर से अलग अलग नामों पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ई ऑक्शन में हिस्सा लिया गया था, के ऑफिस में भी पहुंच उनका रिकॉर्ड खंगाला गया है। गौर हो कि करीब नौ से दस महीने पहले ई न्यूज पंजाब लगातार इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एलडीपी मामले में बडे़ घोटाले की लगातार खबरें प्रकाशित कर रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार होने के चलते इन पर किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा गया। लेकिन प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही अब कसूरवार जेल की सलाखों के पीछे भेजे जाने शुरू कर दिए हैं। आपको ये जानकार बड़ी हैरानी होगी कि लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एलडीपी (लैंड डिस्पलेसएड पर्सन) प्लाॅट के नाम पर करोड़ों रुपए के घोटाले का पूरा खेल डुप्लीकेट फाइलों के बलबूते खेला जा रहा है और ट्रस्ट मीटिंग में पास कर लोकल गर्वमेंट को भेजे गए दस के करीब केसों में कोई भी एक्वायर के नाम पर उजाड़ा गया व्यक्ति बैनिफिट मांगने वालों में नहीं है। अगर जिन एलडीपी के नामों से इन केसों को मंजूरी देने को मोटी रिश्वत का खेल चल रहा था, अगर अब विजिलेंस इनकी अपने पास हाजरी लगवाए तो अच्छे अच्छे अफसरों व नेताओं के हाथ पैर फूलने तय हैं। असल में ये एलडीपी प्लॉट न होकर अब ये पीपीपी (पॉवरफुल पब्लिक पर्सन) स्कैम बन गया था। जिन्होंने सरकार के खाते से करोड़ों रुपए अपने रसूक के बलबूते पर निकालने का पूरा खेल रचा। इन पॉवरफुल रसूकदार लोगों ने ट्रस्ट अफसरों की मिलीभगत से इन डुप्लीकेट फाइलों को तैयार करवाया और इनमें सरकारी अफसरों की वो नोटिंग जिनमें ये प्लॉट रिजेक्ट कर दिए गए या नैगेटिव रिपोर्ट की गई, वे सभी दस्तावेज हटा दिया और एक नई साफ सुथरी फाइल तैयार कर दी गई। बड़ी बात है कि एलडीपी क्लेम के असली मालिक इन केसों में एक भी नहीं हैं और इनमें से कईं केसों के एलडीपी केस या तो पहले से अलॉट किए जा चुके हैं या अब उनके ही परिवारिक किसी सदस्य के नाम पर इनका क्लेम खड़ा किया गया है। बड़ी बात है कि ट्रस्ट में एलडीपी प्लॉट अलॉटमेंट के लिए 1983 के रुल्स इस्तेमाल में लाए जाते हैं, लेकिन इन केसों में फायदे मुताबिक 1965 तो कहीं 1976 के रुल्स लगाकर केस मीटिंग में डाले गए हैं। --------- सरकार के पास मंजूरी को भेजे गए ये विवादित एडीपी प्लॉट व अन्य केस 1. आनंद शर्मा व अन्य सीओसीपी 949 के तहत 256 एकड़ में प्लॉट नंबर 105 डी संबंधी अलॉटमेंट पत्र जारी करना 2. प्रेमनाथ सूद पुत्र अमर नाथ सूद ट्रक स्टैंड को 256 एकड़ में प्लॉट नंबर 106 डी के लिए अलॉटमेंट पत्र जारी करना 3. श्रीमति दलजीत कौर बनाम पंजाब सरकार सीडबल्यूपी 11712 के तहत ज्ञान सिंह राडेवाला के तहत एलडीपी क्लेम 4. गुरचरन कौर खंगूडे व अन्य सीडबल्यूपी 29559 गांव सनेत में एक्वायर की जमीन के लिए एलडीपी का क्लेम 5. राजगुरु नगर 74 बी की कैंसिल अलॉटमेंट बहाल करने को 6. 256 एकड़ में प्लॉट नंबर 54 डी के बदले दूसरा प्लॉट अलाटमेंट की डिमांड 7. ट्रक स्टैंड स्कीम में प्लॉट नंबर 181 रकबा 662 गज की अलॉटमेंट (पूर्व चेयरमैन प्रहलाद सिंह की अलाटमेंट) बहाल करने को 8. 475 एकड़ स्कीम में कुलदीप सिंह पुत्र जाेगिंदर सिंह का एलडीपी क्लेम 9. बीआरएस नगर में जोगिंदर सिंह और शमशेर सिंह का एलडीपी क्लेम ------------ लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से बिना जांच पड़ताल किए जो केस बीती 19 अक्टूबर 2021 को गई बैठक में पास कर लोकल गर्वमेंट को भेजे गए हैं, उन्हें लेकर सरकार की ओर से गठित कमेटी भी ई न्यूज पंजाब की ओर से इस घोटाले के खिलाफ खोले के मोर्चे के बाद इस धुएं को दबाने में लगी थी। लेकिन इससे पहले ये कमेटी ऋषि नगर में फलैटों के लिए रिजर्व रखी जमीन पर एलडीपी प्लाट देने की पूरी प्लानिंग कर चुके थे। जिसके बाद उनकी ओर से इस करोड़ों रुपए की जमीन पर मोटी रिश्वत लेकर सीनियल वाइस प्लाट नंबर 102, 103, 104, 105 , 106 का ड्रा निकाल चुके थे और अब बात केवल इन्हें अलॉटमेंट लैटर देने पर फंसी थी। इसके बाद कुछ ओर से एलडीपी केसों में मोटी रिश्वत लेकर कुछ फाइलें प्रस्ताव में डाल चंडीगढ़ भेजी गई। लेकिन लोकल गर्वमेंट अफसरों को ये भी पता था कि इन फाइलों में बड़ा घोटाला है और ये फाइलें अपने कागज तक पूरे नहीं करती, ऐसी में रिश्वत के चक्कर में इन केसों पर अपनी हरी झंडी उन्हें नौकरी गंवाने जैसी स्थिति के साथ साथ जेल तक पहुंचाने की नौबत न खड़ी कर दे। कुछ केसों में तो सरेआम साफ था कि जमीन एक्वायर होने के बाद जमीन मालिक की ओर से तब मुआवजा तक ले लिया गया और तब एलडीपी का कोई क्लेम ट्रस्ट के पास नहीं किया गया, तो अब 40 से 45 साल बाद ये क्लेम कहां से आ रहे हैं। डुप्लीकेट फाइलों की वास्तविक फाइलें कहां हैं, क्या ये चैक हुआ कि जिन एलडीपी के लिए क्लेम किया जा रहा है, कहीं उस जमीन के लिए पहले से ही एलडीपी प्लॉट तो अलॉट नहीं कर दिया गया। बड़ी बात है कि ट्रस्ट में एलडीपी के लिए 1983 के रुल्स को फोलो ही नहीं किया जा रहा और मोटी रिश्वत के खेल में 400 गज इनटाइटल वाले केस में 500 गज की एलडीपी अलॉट करने के प्रस्ताव सरकार को भेज दिए गए।
Ex Chairman And Eo Were Involved In Giving Bribe To The Local Government Officers In Chandigarh