यशपाल शर्मा, लुधियाना चंद्रयान-2 मिशन के तहत चंद्रमा में भेजे गए विक्रम लैंडर के संपर्क टूटने के बाद अब इसका धरती से संपर्क न बन पाने से साफ हो गया है कि इसरो को अब चंद्रमा पर कदम रखने के लिए दोबारा से नए चंद्रयान मिशन की तैयारी में जुटना होगा। एक वरिष्ठ इसरो अधिकारी ने शनिवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने -विक्रम- लैंडर और उसमें मौजूद -प्रज्ञान- रोवर को संभवत: खो दिया है। इससे पहले लैंडर जब चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी पर निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग से चंद मिनटों पहले पृथ्वी से संपर्क टूट गयाचंद्रयान-2 मिशन से करीब से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने -पीटीआई-भाषा- से कहा अब -लैंडर से कोई संपर्क नहीं है और ये लगभग समाप्त हो गया है। दोबारा इससे संपर्क स्थापित करना बहुत ही मुश्किल है। 1,471 किलोग्राम वजनी लैंडर -विक्रम- भारत का पहला मिशन था जो स्वदेशी तकनीक की मदद से चंद्रमा पर खोज करने के लिए भेजा गया था। लैंडर का यह नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ.विक्रम ए साराभाई पर दिया गया था। इसे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए डिजाइन किया गया था और इसे एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिन के बराबर काम करना था। लैंडर विक्रम के भीतर 27 किलोग्राम वजनी रोवर -प्रज्ञान- था. सौर ऊर्जा से चलने वाले प्रज्ञान को उतरने के स्थान से 500 मीटर की दूरी तक चंद्रमा की सतह पर चलने के लिए बनाया गया था। इसरो के मुताबिक लैंडर में सतह और उपसतह पर प्रयोग करने के लिए तीन उपकरण लगे थे जबकि चंद्रमा की सहत को समझने के लिए रोवर में दो उपकरण लगे थे। प्रधानमंत्री बोले, चंद्रमा पर तिरंगा लहराकर रहेंगे,वहीं पाकिस्तान ने कसने शुरू किए तंज भले ही इसरो चंद्रयान-2 को चंद्रमा में एंट्री देने से कुछ सैकेंड पहले चूक गया, लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस प्रयास की सराहना की व कहा कि चंद्रमा पर तिरंगा लहराकर रहेगा। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने अपने गंदे इरादे चंद्रयान-2 को लेकर भी सुनाने शुरु कर दिए है। पाकिस्तान के मंत्री चौधारी फवाद हुसैन ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है जो काम आता नहीं उससे पंगा नहीं लेते। इससे साफ है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित उनके मंत्री भारत की कामयाबी से बुरी तरह से नाखुश हैं।