लुधियाना। पक्खोवाल रोड स्थित करनैल सिंह नगर के फेस-3 में पंजाब रोडवेज के ड्राइवर ने फाइनेंसर से ब्याज पर पैसे देकर सिक्योरिटी के तौर पर अष्टाम व चैक दे दिए। फाइनेंसर ने उन्हीं अष्टाम पर ड्राइवर की कोठी लिख कोर्ट केस कर दिया। जिसके बाद ड्राइवर को राजीनामा करने के बहाने घर बुलाकर फाइनेंसर ने पत्नी संग मिलकर उसकी पिटाई की। उन्होंने ड्राइवर की पगड़ी उतार दी और फिर जातिसूचक शब्द बोले। अपनी कार्रवाई के लिए ड्राइवर दो साल सरकारी अधिकारियों व उनके ऑफिसों के चक्कर लगाता रहा। जिसके बाद अब जाकर एक्शन हुआ। थाना दुगरी की पुलिस ने संगरुर के गुरु तेग बहादुर नगर के सुच्चा सिंह की शिकायत पर पक्खोवाल रोड करनैल सिंह नगर के जगदेव सिंह ढ़ीडसा व रविंदर कौर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। शिकायतकर्ता सुच्चा सिंह ने बताया कि वे पंजाब रोडवेज का ड्राइवर है और रोपड़ में ड्युटी करता है। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी जगदेव सिंह ढींडसा महिला आरोपी रविंदर कौर का पति है। जगदेव सिंह करनैल सिंह नगर के फेस-3 में रहता है और खुद को फाइनेंसर बताता है। शिकायतकर्ता के अनुसार जगदेव ढींडसा का वर्कर रवि उसका जानकार था। जिसके चलते वे उसे जगदेव के पास ले गया। शिकायतकर्ता अनुसार उसे पैसों की जरुरत थी। जिसके चलते उसने जगदेव से एक लाख रुपए लिए थे। जिसके बदले में उसने खाली बैंक चैक व हस्ताक्षर कर अष्टाम लिया था। जबकि वे उसे 20 प्रतिशत ब्याज के मुताबिक किश्त देता रहा। खाली अस्टाम पर खुद ही करवाई कोठी अपने नाम शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी जगदेव सिंह ढींडसा ने कुछ समय बाद ही उक्त अष्टाम पेपर पर शिकायतकर्ता की कोठी अपने नाम होने की बात लिख ली और कोर्ट केस कर दिया। जिसके बाद कई बार कहने पर 4 जुलाई 2021 को शिकायतकर्ता के कहने पर जगदेव राजीनामा करने के लिए माना और अपने घर पर बुला लिया। शिकायतकर्ता उसके कहने पर घर चल गया। 1 लाख का बना डाला 3 लाख शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी जगदेव ढींडसा ने उसके एक लाख रुपए का ब्याज डालकर तीन लाख बना दिया। जिसके बाद उसने कहा कि आपकी कोठी 27 लाख की है। जिस पर 12 लाख लोन है। उसने कहा कि वे उसे 12 लाख दे देता हैं, जबकि कोठी की रजिस्ट्री उसके नाम करवा दी जाए। लेकिन शिकायतकर्ता ने जब इंकार किया तो आरोपी जगदेव सिंह व उसकी पत्नी रविंदर कौर ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। आरोपी दंपति ने शिकायतकर्ता की पगड़ी उतार दी और उसे जातिसूचक शब्द भी बोले। शिकायतकर्ता किसी तरह वहां से अपना बचाव कर भागा और सिविल अस्पताल से मेडिकल कराया। दो साल की जांच, अधिकारियों के आदेशों पर हुई कार्रवाई शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने 30 जुलाई 2021 को इस संबंध में पुलिस कमिश्नर लुधियाना, ज्वाइंट सीपी लुधियाना रुरल व थाना दुगरी एसएचओ को शिकायत दी। जबकि जातिसूचक शब्द बोलने पर डायरेक्टर नेशनल अनुसूचित जाती कमिशन को भी शिकायत दी। लेकिन पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। जिसके बाद कमिशन की और से मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए। शिकायतकर्ता के अनुसार इसके बाद शिकायत पर कई अधिकारियों द्वारा जांच की गई। जबकि उसकी कॉल डिटेल भी निकाली गई। दो साल की जांच कर अब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।