फरीदकोट। फरीदकोट के बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़े कोटकपूरा गोलीकांड मामले में एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आज फरीदकोट अदालत में पेश होने पहुंच चुके हैं। 95 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल के अदालत में पेश होने को देखते हुए बड़ी संख्या में मालवा के सभी जिलों के अलावा पंजाब से शिअद वर्कर उनके समर्थन में सुबह से फरीदकोट पहुंच चुके हैं। शिअद नेताओं का दावा है कि एक लाख से ज्यादा लोग पूर्व मुख्यमंत्री बादल के समर्थन में पहुंच रहे हैं। लंबे अर्से बाद बड़े बादल के नाम से जाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने घर से बाहर निकले। उनके शिअद प्रधान व पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी फरीदकोट अदालत पहुंचे हैं। इस दौरान समर्थकों द्वारा बादल के हक में नारेबाजी की गई। लंबे अर्से बाद बादल के हक में नारेबाजी कर रहे शिअद वर्कर लंबे अर्से बाद शिअद वर्करों में जोश दिखाई दे रहा है और वह बादल के हक में नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कोटकपूरा गोलीकांड मामले में SIT ने 24 फरवरी 2022 को फरीदकोट कोर्ट में 7 हजार पेज की चार्जशीट दायर की थी। एडीजीपी एलके यादव और एसएसपी बठिंडा गुलनीत सिंह खुराना की अगुवाई वाली टीम द्वारा 24 फरवरी को फरीदकोट कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, पूर्व परमराज उमरानंगल, एसएसपी मोगा चरणजीत शर्मा, एसएसपी फरीदकोट सुखमंदर मान, डीआईजी फिरोजपुर अमर सिंह चाहल और तत्कालीन एसएचओ सिटी कोटकपूरा गुरदीप सिंह के नाम शामिल हैं। यह है पूरा मामला 12 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटना के बाद सिख संगठनों ने कोटकपूरा व बहबलकलां में प्रदर्शन शुरू किए थे। 14 अक्टूबर को कोटकपूरा व बहबलकलां में जारी प्रदर्शनों को पुलिस ने बल प्रयोग से खत्म करवाया। बहबलकलां में पुलिस की फायरिंग में दो सिख युवकों की मौत हो गई थी। वहीं, कोटकपूरा गोलीकांड में करीब 100 प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। पुलिस ने 7 अगस्त, 2018 को अज्ञात लोगों पर हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया था। कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल ने 9 मार्च को जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जहां प्रकाश सिंह बादल को जमानत मिल गई थी। लेकिन सुखबीर बादल को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकी। कोटकपूरा गोलीकांड में पेशी पर फरीदकोट पहुंचे प्रकाश और सुखबीर बादल, हजारों शिअद वर्कर्स ने की नारेबाजी फरीदकोट। फरीदकोट के बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़े कोटकपूरा गोलीकांड मामले में एसआईटी द्वारा आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल आज फरीदकोट अदालत में पेश होने पहुंच चुके हैं। 95 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल के अदालत में पेश होने को देखते हुए बड़ी संख्या में मालवा के सभी जिलों के अलावा पंजाब से शिअद वर्कर उनके समर्थन में सुबह से फरीदकोट पहुंच चुके हैं। शिअद नेताओं का दावा है कि एक लाख से ज्यादा लोग पूर्व मुख्यमंत्री बादल के समर्थन में पहुंच रहे हैं। लंबे अर्से बाद बड़े बादल के नाम से जाने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने घर से बाहर निकले। उनके शिअद प्रधान व पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी फरीदकोट अदालत पहुंचे हैं। इस दौरान समर्थकों द्वारा बादल के हक में नारेबाजी की गई। लंबे अर्से बाद बादल के हक में नारेबाजी कर रहे शिअद वर्कर लंबे अर्से बाद शिअद वर्करों में जोश दिखाई दे रहा है और वह बादल के हक में नारेबाजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कोटकपूरा गोलीकांड मामले में SIT ने 24 फरवरी 2022 को फरीदकोट कोर्ट में 7 हजार पेज की चार्जशीट दायर की थी। एडीजीपी एलके यादव और एसएसपी बठिंडा गुलनीत सिंह खुराना की अगुवाई वाली टीम द्वारा 24 फरवरी को फरीदकोट कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, पूर्व परमराज उमरानंगल, एसएसपी मोगा चरणजीत शर्मा, एसएसपी फरीदकोट सुखमंदर मान, डीआईजी फिरोजपुर अमर सिंह चाहल और तत्कालीन एसएचओ सिटी कोटकपूरा गुरदीप सिंह के नाम शामिल हैं। यह है पूरा मामला 12 अक्टूबर, 2015 को फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटना के बाद सिख संगठनों ने कोटकपूरा व बहबलकलां में प्रदर्शन शुरू किए थे। 14 अक्टूबर को कोटकपूरा व बहबलकलां में जारी प्रदर्शनों को पुलिस ने बल प्रयोग से खत्म करवाया। बहबलकलां में पुलिस की फायरिंग में दो सिख युवकों की मौत हो गई थी। वहीं, कोटकपूरा गोलीकांड में करीब 100 प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। पुलिस ने 7 अगस्त, 2018 को अज्ञात लोगों पर हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया था। कोटकपूरा गोलीकांड को लेकर प्रकाश सिंह बादल व सुखबीर बादल ने 9 मार्च को जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जहां प्रकाश सिंह बादल को जमानत मिल गई थी। लेकिन सुखबीर बादल को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकी।