पंजाब में लुधियाना के सबसे बड़ा जिला होने के बावजूद पंजाब सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार में लुधियाना शहरी के किसी विधायक को जगह नहीं दी जाती तो यह अपने आप में कई सवाल खड़े करता दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी की सरकार कल दूसरी बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है, लेकिन जिन नामों पर चर्चा अखबारों व टीवी चैनल्स पर या सूत्रों के हवाले से खबरें आ रही हैं उनमें लुधियाना शहरी से किसी भी विधायक को झंडेवाली कार या मंत्रिमंडल की कुर्सी मिलती नहीं दिखाई दे रही। पंजाब में बीती 10 मार्च को आम आदमी पार्टी ने चुनावों में बड़ी जीत हासिल कर अपना झंडा लहराया था और इसके बाद पहली बार 19 मार्च को आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने मंत्रिमंडल की घोषणा की थी। पहले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भी लुधियाना पंजाब का पहला जिला होने के बावजूद यहां का कोई भी विधायक मंत्रिमंडल में जगह नहीं ले पाया था। इसका एक बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि लुधियाना में आम आदमी पार्टी से जीते 5 शहरी विधायक ऐसे हैं, जो चुनावों से ठीक पहले किसी अन्य राजनीतिक दल से आम आदमी पार्टी की हवा के चलते इसमें शामिल हुए थे।जिनमें चार विधायक ऐसे हैं जो कांग्रेस पार्टी से आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। जिनमें दलजीत सिंह भोला ग्रेवाल, गुरप्रीत गोगी, कुलवंत सिद्धू और अशोक पराशर पप्पी का नाम है, जबकि एक अन्य विधायक मदन लाल बग्गा जोकि शिअद से आप में आए थे। अब लेकिन अब लुधियाना केसरी विधायकों को शहरी विधायकों को अपनी कारगुजारी दिखाते करीब 4 महीने का समय गुजर चुका है, लेकिन इसके बावजूद अगर लुधियाना से कोई विधायक मंत्री मंडल में नहीं पहुंच पाता तो इससे साफ है कि अभी तक लुधियाना का कोई भी विधायक आम आदमी पार्टी के आलाकमान में अपना विश्वास नहीं बना पाया है। बात करें लुधियाना के विधायकों की कारगुजारी की तो अधिकतर विधायकों का कामकाज केवल उद्घाटन तक ही सिमट कर रह गया है । यह वही काम है जिन कामों को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल दौरान मंजूरी दी गई थी और अब यह काम टेंडर लगने के बाद उद्घाटन का इंतजार कर रहे थे। लुधियाना में तमाम ऐसे काम है जिन पर बड़े स्तर पर मेहनत की जरूरत है। लुधियाना में अकाली भाजपा कार्यकाल दौरान सिटी बस सेवा की शुरुआत हुई थी और उनके कार्यकाल दौरान ही इन बसों के चक्के हमने शुरू हो गए थे इसके बाद पंजाब में कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभाली लेकिन चुकी रुक चुकी बसों को दोबारा शुरू नहीं कर पाई और इसके उलट कईं चलती बसें भी बंद होती चली गई। आम आदमी पार्टी के इन 4 महीनों के कार्यकाल दौरान भी इन बसों का कोई उद्धार नहीं हो पाया है। स्मार्ट सिटी के नाम पर लुधियाना में करोड़ों रुपया मल्हार रोड को स्मार्ट रोड बनाने और किप्स मार्केट को स्मार्ट मार्केट बनाने के नाम पर खर्च दिया गया। लेकिन मल्हार रोड पर चौड़ा बाजार की तरह ट्रैफिक जाम का अभिशाप जनता पर थोप दिया गया और वहीं किप्प्स मार्केट में पार्किंग नाम की कोई प्लानिंग तक नहीं की गई। आप विधायकों की ओर से सत्ता संभालने के तुरंत बाद लुधियाना में रेडी पड़ी के लिए वेंडिंग जोन बनाने और आउटडोर एडवरटाइजिंग का टेंडर रद्द करने सहित कई तरह के दावे किए गए लेकिन यह सभी दावे हवा होकर रह गए। इतना ही नहीं लुधियाना इंडस्ट्री का हब है और यहां के कार्य कारोबारियों की समस्याओं पंजाब की सीएम भगवंत सिंह मान की अगुवाई वाली आप सरकार द्वारा 4 जुलाई को मंत्रीमंडल का विस्तार कर सकती है और इसके लिए कल एक प्रोग्राम तक मुकर्रर कर लिया गया है। आम चर्चा है कि भगवंत मान मंत्रीमंडल में चार से पांच नए चेहरों को मंत्री के तौर पर शामिल किया जा सकता है। फिलहाल मंत्रीमंडल में सीएम सहित आठ मंत्री शामिल है। जोकि सत्ता में संभालने के समय इनकी संखया 9 थी। तथा हेल्थ मिनिस्टर विजय सिंगला की करप्शन मामले में बर्खास्तगी व गिरफतारी के बाद किसी नए मंत्री को शामिल नहीं किया गया था। संगरूर लोकसभा उप चुनाव के बाद से ही मंत्री मंडल में विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई थी। विगत दिनों सीएम मान ने दिल्ली में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से भी भेंट की थी। जिसके बाद विस्तार की चर्चाओं को और बल मिला था। नए मंत्रियों में अमन अरोड़ा, प्रिंसिपल बुद्ध राम, सरवजीत कौर माणुके, अनमोल गगन मान, डा. इंद्रबीर सिंह निझर, बलजिंदर कौर, अजीत पाल कोहली के नाम चर्चा में हैं।
Is There No Mla From Ludhiana City Eligible To Be Included In The Cabinet Expansion