यशपाल शर्मा, लुधियाना डायेरेक्टोरेट आफ रेवेन्यू इंटैलिजेंस (DRI) एडीजी स्तर के अधिकारी और दो कथित बिचौलियों को गुरुवार को यहां एक अदालत द्वारा 3 करोड़ रुपये की रिश्वत मामले में 6 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने बुधवार को इस मामले में एडीजी, DRI, चंदर शेखर, और दो अन्य - अनूप जोशी और राजेश ढांडा को गिरफ्तार किया था। उन्हें विशेष न्यायाधीश किरण बंसल के आवास पर पेश किया गया था। सीबीआई ने आरोपियों की सात दिन की पुलिस हिरासत मांगी थी, लेकिन न्यायाधीश ने उन्हें 6 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एडवोकेट संजय अबोट ने शेखर का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि पुलिस हिरासत के लिए कोई आधार नहीं बनाया गया था। एक शिकायत में, यह आरोप लगाया गया था कि जून 2019 में, डीआरआई ने एक निजी क्लीयरिंग कंपनी में छापामारी की थी। ये कंपनी विभिन्न एक्सपोटर्स को सर्विस प्रदान करती है। एक सीबीआई प्रवक्ता ने बुधवार को कहा था, कि उक्त एक्सपोर्टर से संबंधित कुछ दस्तावेज भी थे,जिन्हें जब्त कर लिया गया था और उक्त क्लीयिरंग कंपनी मालिक को ये दस्तावेज नहीं लौटाए गए। । शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि क्लीयरिंग हाउस एजेंट जोशी और शेखर के करीबी दोस्त राजेश ढांडा ने उक्त मामले को सुलझाने के एवज में चंद्र शेखर के साथ सेंटिंग कर 3 करोड़ रुपये की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जोशी और ढांडा को कथित तौर पर 25 लाख रुपये लेते हुए ट्रेप लगा गिरफ्तार किया है, जबकि अधिकारी की ओर से उनके द्वारा मांगी गई रिश्वत की पहली किस्त के रूप में ये राशि ली गई थी।पूछताछ के दौरान, बिचौलियों ने सीबीआई से बताया कि रिश्वत कथित तौर पर अधिकारी के लिए थी, उन्होंने कहा था कि दिल्ली, नोएडा और लुधियाना में तलाशी ली जा रही है। ------- सीबीआई तलाश रही ढांडा के अफसरशाही कनेक्शन सेंचुयरिन निटर्स इंडिया लिमिटेड के एमडी व श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा के चेयरमैन राजेश ढांडा वर्ष 2012 में एक घोटाले में डीआरआई के हत्थे चढ़ने के साथ लाइम लाइट में आए। इसके बाद उनका नाम हवाला से भी जुडता रहा। इस दौरान ढांडा ने डीआरआई के अफसरों के खिलाफ भी केंद्र में शिकायत करनी शुरु की थी और इसके बाद ही उनकी अफसरशाही में भी सेटिंग बनती चली। इसके बाद ढांड़ा ने डीआरआई व सेल्स टैक्स में अपना रसूख बनाना शुरु कर दिया और यहां पर एक्सपोर्टर व अन्य कारोबारियों के विवादों का अफसरशाही के साथ मिलजुल कर सेटिंग का खेल शुरु कर दिया। बताया जाता है कि अब सीबीआई ढांडा की इसी अफसरशाही कनेक्शन को टटोल रही है। पिछले करीब तीन साल से ढांड़ा का इंकम टैक्स में भी खूब रसूक बन गया था और उन्हीं की ओर से पिछले साल भी जगन्नाथ रथयात्रा की अगुवाई करते हुए इंकमटैक्स सहित डीआरआई व अन्य विभागों में पहुंच इस यात्रा के निमंत्रण पत्र दिए गए थे। इस साल भी उनके अफसरशाही रसूख की बदौलत ही उन्हें श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा का चेयरमैन बना दिया गया था और इस साल भी उन्होंने इस रथयात्रा के निमंत्रण इंकमटैक्स के आला अधिकारियों को दिए थे। सीबीआई की ओर से ढांडा को उठाए जाने से कई ऐसे आला अफसरों के भी हाथ पैर फुले हुए हैं, जो ढांड़ा के लंबे समय से संपर्क में है और उसके कहने पर कईं निपटारे करवा चुके हैं।