चंडीगढ़। पंजाब पर बीते कई साल से कर्ज का बोझ बढ़ता रहा है। अब हालत यह है कि पंजाब की कुल कमाई का 22 फीसदी हिस्सा केवल ब्याज के भुगतान में जा रहा है। प्रदेश पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 47 फीसदी कर्जा है। यह खुलासा बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में हुआ है। पंजाब पर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक कर्ज है, जबकि रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार, कर्जा-GDP अनुपात 20 प्रतिशत से कम होना चाहिए। लेकिन यह मापदंड केवल तीन राज्य- ओडिशा, गुजरात और महाराष्ट्र ही पूरा करते हैं। जबकि अन्य राज्य कर्ज के बोझ में दबे हैं, जिनमें पंजाब सबसे ऊपर है। दूसरे नंबर पर बिहार और राजस्थान तीसरे नंबर पर है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान खजाना भरे होने का करते हैं दावा
मुख्यमंत्री पंजाब हर मंच और रैली के दौरान पंजाब सरकार का खजाना पूरी तरह भरे होने का दावा करते हैं। वह पुरानी सरकारों पर उनके कार्यकाल में प्रदेश का खजाना हमेशा खाली होने का तंज भी कसते रहे हैं। लेकिन सामने आई बैंक की इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पंजाब की वित्तीय हालत अभी इतनी मजबूत नहीं है कि वह रिजर्व बैंक के नियमों के मापदंड के अनुसार कर्ज-GDP अनुपात का संतुलन बना सके।
कर्ज मुक्ति के लिए कोई व्यापक योजना नहीं
पंजाब सरकार फिलहाल तक प्रदेश को कर्ज मुक्त बनाने के लिए कोई व्यापक योजना नहीं ला सकी है। हालांकि प्रदेश के दो बड़े इन्वेस्ट समिट और टूरिज्म समिट एवं ट्रैवल मार्ट करवाए गए हैं। इनके जरिए उद्योगपतियों/कारोबारियों को पंजाब में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। पंजाब सरकार विभिन्न प्रकार की पॉलिसी भी बना रही है। पंजाब सरकार का प्रयास है कि हर क्षेत्र में निवेशकों को सहयोग कर पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया जा सके। पंजाब सरकार द्वारा इसके लिए निवेशकों को बिजनेस फ्रेंडली माहौल देने का दावा भी किया गया है।
पंजाब में बिजली और महिलाओं का बस सफर फ्री
पंजाब सरकार द्वारा घरेलू खपतकारों को प्रदेश में 600 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है। साथ ही प्रदेश में महिलाओं का बस सफर भी फ्री है। राज्य सरकार द्वारा किसानों का ऋण भी माफ किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा।
लगातार बढ़ता गया पंजाब पर कर्ज
अप्रैल 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक पंजाब के पर 32,797,60 करोड़ का कर्ज था, जो 31 जनवरी 2023 तक 2,81,954.25 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं पंजाब सरकार द्वारा 31 जनवरी 2023 तक 14383.65 करोड़ का कर्ज वापस किया जा चुका है। इसमें स्पेशल ड्राइंग फैसिलिटी 2259.07 करोड़ रुपए शामिल है। वहीं अगर साल 2017 की बात करें तो पंजाब पर 1,82,257.59 करोड़ रुपए का कर्ज था, जो 2018 में 1.94,499.79 करोड़ रुपए हो गया। वही 2019 में यह कर्ज बढ़कर 2,11, 918.05 करोड़ रुपए हो गया। पंजाब पर कर्ज बढ़ने का सिलसिला जारी रहा और साल 2020 में यह बढ़कर 2,29, 352.90 करोड रुपए हो गया। साल 2021 में यह बढ़कर 2,49, 673.11 रुपए हो गया। साल 2022 में 2,61, 281.22 तक पहुंच गया।