प्रदूषण फैलाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से नगर निगम पर करोड़ों रुपए का जुर्माना ठोके जाने के बाद अब नगर निगम इस पूरे मामले में गंभीर होता दिखाई देने लगा है। आज नगर निगम मुख्यालय में दिनभर सॉलिड व लिक्विड प्रदूषण को लेकर निगम कमिश्नर शैना अग्रवाल हेल्थ ब्रांच व अन्य विभागीय अधिकािरियों के साथ मीटिंगें करती रही। इन मीटिंगों का सिलसिला सुबह 9 बजे से आरंभ हुआ और शाम 6 बजे तक चला। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पर्यावरण को लेकर जो जुर्माना निगम पर डाला है, उसकी वसूली प्रदूषण फैलाने वालों से कैसे हो, इन मीटिंगों का पूरा फोकस इसी बात पर रहा। इन मीटिंगों से निकल कर बड़ी बात एक ये सामने आई हैं कि अब प्रदूषण फैलाने वालों से प्रतिदिन 5 हजार रुपए के लिहाज से जुर्माना निगम वसूलेगा और ये रिकवरी पिछले डेढ़ साल के दिनों के लिहाज से होगी। यानी जुर्माना फैलाने वाले को पिछले करीब 545 से 548 दिनों के लिहाज से प्रति दिन 5 हजार जुर्माना देना पडे़गा। नगर निगम के टारगेट पर पहले केवल सीवरेज में जहरीला पानी छोड़ने वाले डाइंग, वाशिंग, इलेक्ट्रोप्लेटिंग या दूसरी लाल कैटेगरी की इंडस्ट्री शामिल थी, लेकिन अब इस टारगेट पर कईं अन्य भी आ गए हैं। वहीं सीवरेज में गंदा पानी छोड़ने वाली डेयरी मालिकों को फिलहाल नगर निगम एक सप्ताह का चेतावनी पत्र जारी कर इसके लिए आगाह करने वाली है और इसके बाद ऐसी डेयरी जो गोबर सीवरेज में गिरती पकड़ी जाती है, उसे भी 5 हजार रुपए प्रतिदिन का जुर्माना देना पड़ेगा। इन मीटिंगों से एक बात साफ हो गई है नगर निगम आने वाले दिनों में प्रदूषण की रोकथाम को कुछ बड़ा शहर में करता दिखाई देगा। अब डाइंगें ही नहीं कईं अन्य यूनिट, कालोनियां, अस्पताल, नर्सिंग होम व अन्य भी निशाने पर डेयरी मालिकों के चलते नगर निगम पर तीन करोड़ रुपए और साॅलिड वेस्ट को लेकर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना एनजीटी लगा चुकी है। इसके अलावा एनजीटी की हिदायतों पर पंजाब सरकार पर ताजा ताजा दो हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लग चुका है। ऐसे में अब नगर निगम के निशाने पर केवल डाइंग यूनिट या डेयरी ही नहीं, ब्लकि अब अस्पताल, होटल, नर्सिंग होम के साथ साथ गलाड़ा व ट्रस्ट के दायरे में आने वाली कालोनियां भी रहेंगी। गलाड़ा के दायरे में आने वाली लीगल व इल्लीगल कालोनियों को अपने सॉलिड वेस्ट के लिए अलग प्रबंध करने हाेंगे। ये अब अपना कूड़ा लाकर निगम के कलेक्शन प्वाइंट पर नहीं गिरा सकेंगे। इसके लिए जल्द नई गाइडलाइन निगम देगी। इसके साथ साथ गलाड़ा की हद में आने वाली लीगल व इल्लीगल कालोनियां भी अपना अन ट्रीटेड सीवरेज डिस्चार्ज भी निगम में नहीं गिरा सकेंगी। उन्हें भी अपने अपने एसटीपी की व्यवस्था जल्द करनी होगी। ऐसे ही अस्पताल, होटल व नर्सिंग होम के वेस्ट को लेकर भी अलग रणनीति निगम तैयार कर रहा है। बड़ी बात है कि इस जुर्मानें की वसूली भी नगर निगम करेगा और किसी इंडस्ट्री या अन्य यूनिट को बंद करने की कार्रवाई भी निगम अपने हाथों में ले सकता है। आज की मीटिंग में एसई राजिंदर सिंह, डा. विपुल मल्होत्रा , अश्वनी सहोता व अन्य निगम अधिकारी मौजूद थे।
Be Careful Those Who Spread Pollution Mc Will Impose A Fine Of Five Thousand Rupees