लुधियाना नगर निगम लोगों की एप्लीकेशंस पर रिजेक्शन लगाने में राज्य में सबसे टॉप पर है। यह खुलासा केबिनेट मंत्रियों गुरमीत सिंह मीत हेयर और डॉ इंद्रबीर सिंह निज्जर द्वारा नगर निगम जोन डी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया गया। इस अवसर पर मंत्री मीत हेयर ने कहा कि पब्लिक की सुविधा को 283 सुविधा ऑनलाइन कर दी गई और सरकार की कोशिश है कि आनलाइन केसेज में आ रही पेंडेंसी को जिलों में कम किया जाए, इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान का फोकस है। जब लुधियाना में ये पेडेंसी चेक की तो यहां सबसे अधिक पेंडेंसी पाई गई और यह से सबसे अधिक ऑब्जेक्शन लग रहे है। मंत्रियों ने कहा कि सरकार की ओर से अलग-अलग विभागों में आने वाले एप्लीकेशंस पर होने वाले काम पर सर्वे करवाया गया है। लुधियाना नगर निगम विशेष तौर पर ऐसा विभाग बनकर उभरा है, जहां सबसे अधिक एप्लीकेशंस पर रिजेक्शन लगाए गए। जिसके चलते 5 कर्मचारियों को टारगेट पर लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने खुलासा किया कि विभाग की ओर से एप्लीकेशनस पर कई ऐसे बेतुके रिजेक्शन लगाए जाते थे कि संबंधित व्यक्तियों को अधिकारियों के समक्ष पेश होना पड़े। इससे पहले मंत्रियों की और से लोकल अड्डा जन्म मौत ऑफिस का भी विजिट कर यहां से आ रही पेंडेंसी संबंधी कारण भी जाने गए। हालांकि इस दौरान कर्मचारियों का नाम बताने से मंत्रियों ने इंकार कर दिया और बोला कि मामले की जांच चल रही है। वहीं इसके बाद कैबिनेट मंत्री डॉ इंद्रजीत सिंह निज्जर ने निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल और बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने निर्देश दिए कि पब्लिक के रिहायशी नक्शों व एनओसी देने में किसी तरह की देरी न की जाए। वहीं उन्होंने कहा कि शहर में एक भी इलीगल बिल्डिंग का निर्माण नहीं होना चाहिए और ऐसी इलीगल बिल्डिंग पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। इस अवसर पर विधायक मदन लाल बग्गा, अशोक पराशर पप्पी, गुरप्रीत गोगी, दलजीत सिंह भोला ग्रेवाल, कुलवंत सिंह और अन्य मौजूद थे
Ludhiana Is At The Forefront Of Rejecting Public Applications In Government