पंजाब सरकार की ओर से नौ सरकारी विभागों में जेई व एसडीओ की डायरेक्ट भर्ती का सिलसिला आरंभ हो चुका है और इसके तहत अभी तक पीडबल्यूडी, ईरीगेशन, पंचायती राज व टयूबवेल कारपोरेशन में इन्हें नियुक्ति पत्र भी दिए जा चुके हैं, जबकि नगर निगम, इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, गलाड़ा, सीवरेज बोर्ड व पब्लिक हेल्थ में इनकी ज्वाइनिंग अभी तक लटकी हुई है। वहीं इस पूरी प्रक्रिया में इंप्रूवमेंट ट्रस्टों में सीटीसी चार्ज लेकर पिछले दो साल से अधिक समय से काम कर रहे एसडीओ व एक्सईन स्तर के अफसरों पर रिवर्ट की तलवार आ लटकी है। इन अफसरों को पंजाब सरकार की हिदायतों पर इन्हीं खाली पदों पर एडहाक बेस पर जेई से एसडीओ व एसडीओ से एक्सईन के पदों पर काम लिया जा रहा था और अब अगर इन पदों पर डायरेक्ट भर्ती कर ली जाती है तो इन पदों पर काम कर रहे मुलाजिमों को रिवर्ट की कार्रवाई हो सकती है। इसी के चलते अंदरखाते अब डिपार्टमेंट प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) फाइनल करने के दांवपेंच लगने शुरु हो गए हैं। बड़ी बात है कि पिछले दो सालों में एडहॉक बेस पर का कर रहे आधा दर्जन मुलाजिम सेवानिवृत हो पूरे एडहाॅक पद के पूरे बैनिफिट ले चुके हैं। वहीं दूसरी ओर अपनी ज्वाइनिंग में हो रही देरी पर नए स्टाफ की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री, लोकल गर्वमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी व डायरेक्टर को ईमेल के जरिए शिकायत भेजने का सिलसिला आरंभ हो गया है। जानें क्या है पूरा मामला कांग्रेस कार्यकाल में पंजाब सरकार की ओर से डायरेक्ट भर्ती के जरिए 210 एसडीओ व 100 से अधिक जेई रखने का फैसला लिया गया था। जिसके तहत पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन की ओर से इन पदों के इच्छुक उम्मीदवारों के टेस्ट लिए गए थे। जिसके बाद इस टेस्ट को पास करने वाले स्टूडेंटस की करीब डेढ़ महीने पहले सिलेक्शन तक कर ली गई है। लेकिन लंबा समय गुजरने के बावजूद अभी तक पांच विभागों की ओर से इन्हें नियुक्ति पत्र व ज्वाइंन नहीं करवाया गया। इस डायरेक्ट भर्ती का बड़ा पेंच लोकल गर्वमेंट के इंप्रूवमेंट ट्रस्टों में फंसा हुआ है। जहां इन खाली पदों को आला अफसरों की सहमति पर सीटीसी चार्ज देकर भर दिया गया था। ये अफसर सीटीसी चार्ज लेकर काम तो करते रहे, लेकिन इनकी डीपीसी का प्रोसेस नहीं किया गया। अब जब इन पदों के लिए स्टाफ की सिलेक्शन की जा चुकी है तो ऐसे में बिना डीपीसी के सीटीसी चार्ज लेकर काम कर रहे एसडीओ व एक्सईनों पर रिवर्ट होने का खतरा मंडराने लगा है। इसी के चलते अब अंदरखाते ये स्टाफ अपनी डीपीसी फाइनल करवाने में जुटे हुए है और नए स्टाफ की ज्वाइनिंग में इसे बड़ा कारण माना जा रहा है। अगर सरकार ये डीपीसी फाइनल नहीं करती तो पुराने स्टाफ को नए स्टाफ के अंडर काम करना होगा और अगर इस ज्वाइनिंग से पहले डीपीसी हो जाती है तो नए स्टाफ पुराने स्टाफ के अंडर काम करते दिखाई देंगे। वहीं नगर निगम की ओर से प्राइवेट एजेंसी के जरिए जेई व एसडीओ के खाली पद पर प्राइवेट स्टाफ रखा गया है। इस बारे में नगर निगम के ओएंडएम एसई राजिंदर सिंह ने बताया कि अगर डायरेक्ट स्टाफ निगम में ज्वाइंन कर लेता है तो प्राइवेट स्टाफ को हटा दिया जाएगा।
Sword Of Post Revert Hanging On Improvement Trust Officers Due To Direct Recruitment Of Je Sdo