इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में अभी भी घालमेल का दौर जारी है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में कॉन्ट्रैक्ट पर रखे मुलाजिमों का कॉन्ट्रैक्ट 31 मार्च 2022 को खत्म हो गया,लेकिन इसके बावजूद आज इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की सीटों पर यह मुलाजिम सामान्य दिनों की तरह काम कर रहे है। हालांकि लोकल गवर्नमेंट की ओर से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को साफ शब्दों में आदेश जारी का आगाह कर दिया था कि आउट सोर्स के जरिए कॉन्ट्रैक्ट पर कोई भी मुलाजिम न रखा जाए,लेकिन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की engineering विंग की छत्रछाया में यह मुलाजिम आज अभी भी ट्रस्ट में काम करते देखे जा सकते हैं। बड़ी बात है कि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बालासुब्रह्मण्यम की ओर से इस आउटसोर्सिंग कांट्रैक्टर के जरिए अपने कई चहेते ट्रस्ट में फिट किए गए थे। जिनमें कुछ टाइपिस्ट गुप्त तौर पर एजेंडे की नोटिंग तैयार करने की रखा गया था ताकि टाइप होने वाला अजेंडा किसी सरकारी मुलाजिम के हाथ में लग ओपन न हो जाए। इसके साथ-साथ पूर्व चेयरमैन की ओर से अपने एक सरकारी ड्राइवर के अलावा दो और ड्राइवर कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए थे। जानकारी मुताबिक यह ड्राइवर चेयरमैन की कोठी पर पावर का मिसयूज कर रखी सरकारी गाड़ी पर ड्यूटी देते थे। पूर्व चेयरमैन की ओर से अपनी पावर का दुरुपयोग करते हुए एक नई कार भी अपने घरेलू कामकाज में लगाई हुई थी, जोकि उनके चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद ही ये गाड़ी ट्रस्ट में वापस लौटी थी । जिसे अब ट्रस्ट की पार्किंग प्लेस पर देखा भी जा सकता है। गौर हो कि जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में भी कॉन्ट्रैक्ट पर आउटसोर्सिंग के जरिए मुलाजिम रखे गए थे और उसमें भी कुछ घोटाले के विवादों के बाद इस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया गया था लेकिन लुधियाना ट्रस्ट की ओर से आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए कुल 38 लोगों में भी एक दर्जन के करीब ऐसे बोगस लोग हैं जिनका ट्रस्ट बूटी से कोई लेना देना नहीं है और केवल चहेते होने और अफसरों की सेटिंग के जलते उन्हें कॉन्ट्रैक्ट में दिखाया गया है बड़ी बात है कि इनकी पेमेंट भी बैंक अकाउंट की बजाए कैश किए जाने की भी चर्चा ट्रस्ट में लंबे समय से होती रही है। लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा को लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का चार्ज मिला है लेकिन उनकी ओर से अभी तक जॉइनिंग ना करवाए जाने के चलते अब अंदर खाते इस कॉन्ट्रैक्ट को 1 महीने के लिए और बढ़ा देने की तमाम कोशिशें चल रही है और बताया जाता है कि इसके लिए बाहरी कुछ लोगों की ओर से भी इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अफसरों पर दबाव और धमकाया जा रहा है।