लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दो सबसे बडे़ इश्यू जिन्हें हल करने में पूरी तरह से फेल रहे इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पद पर तैनात चेयरमैन रमण बाला सुब्रामनियम ने आज अपना इस्तीफा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को भेज दिया। अपने इस इस्तीफे में भी रमण बाला सुब्रामनियम ने अपनी झूठी वाहवाही लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी। रमण बाला सुब्रामनियम की ओर से जो सरकारी जमीनें बेची गई, उसके दाम साल 2012 से 2017 के बीच बेची गए दामों से कहीं कम रहा और यही सस्ती जमीनें बेचकर वे शहर में टाइलें लगाने को अपने इस इस्तीफे में डेवलपमेंट का नाम देते दिखे। करीब 200 करोड़ से अधिक की शहर में टाइलों लगाने के उनके काम को पब्लिक ने इस चुनाव में पूरी तरह से नाकार दिया और लुधियाना शहर से उतरे सभी उम्मीदवारों में से एक भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में जीत हासिल न कर सका। यहां तक की रमण बाला सुब्रामनियम का सिंगल एजेंड़ा लुधियाना वेस्ट हल्के में आते पार्कों में ओपन जिम, सड़क किनारे टाइलें, पार्कों की डेवलपमेंट के नाम पर करोड़ों रुपए की बर्बादी कर स्थानीय कांग्रेसी मंत्री को खुश करना रहा, लेकिन वे इस डेवलपमेंट के जरिए इस विधानसभा की जनता का वोट बैंक हासिल नहीं कर पाए। लेकिन चेयरमैन साहब लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जिस सबसे बडे़ भंवर में फंसा हुआ है, उस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़े। ये मामला था करोड़ों रुपए की लागत से शहीद भगत सिंह नगर में बना सिटी सेंटर प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट को बना रही टुडे होम कंपनी की ओर से ट्रस्ट पर करीब 8 हजार करोड़ रुपए का क्लेम डाला गया है और नाैबत ये है कि इतनी बड़ी राशि काे चुकाने में ट्रस्ट कभी भी नीलाम हो सकता है, लेकिन इसके बावजूद इस मसले से ट्रस्ट को निकालने की जहमत नहीं उठाई। अपने इस इस्तीफे में वे जाते जाते भी अटल अपार्टमेंट के फलैटों का ड्रा निकालने व इस प्रोजेक्ट को शुरु करने की गुहार लगा गए, जबकि इस प्रोजेक्ट को भी पब्लिक मनी से ही शुरु किया जाना है। रानी झांसी रोड प्रोजेक्ट को नहीं बेच पाए जिस तरह से रमण बाला सुब्रामनियम इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में आती प्रॉपर्टी के कम सरकारी रेट रिजर्व करवा सस्ते में अपने चहेतों को जमीनें ई आक्शन के जरिए नीलाम करते चले गए, उसी लिहाज से करीब 197 करोड़ रुपए के रानी झांसी रोड मल्टी स्टोरी बिल्डिंग को भी बेचने की फिराक में थे और लगातार इस जमीन के लिए कोई खरीददार न मिलने की बात कह इस जमीन का रिजर्व रेट कम करवाते जा रहे थे, लेकिन मौजूदा डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा की ओर से इस जमीन का रिजर्व रेट कम न करने के सराहनीय फैसले से ये जमीन कूडे़ के भाव बिकने से बच गई। जबकि अगर चेयरमैन चाहते थे, तो करीब 15 साल से बिकने को खडे़ इस प्रोजेक्ट पर ईमानदारी से दिमाग लगा या इस पर कोई प्लानिंग कर इसे बेच सकते थे। अगर ये प्रोजेक्ट फलोर वाइस बेचा जाता तो इसमें आम लोग भी हिस्सा ले पाते और इस प्रोजेक्ट का अच्छा खासा दाम भी मिल जाता। इसका अलावा ट्रस्ट में अच्छी खासी इंजीनियर्स की फौज है, लेकिन इस फौज से ये प्लान ही नहीं करवाया गया कि कैसे इस प्रोजेक्ट पर कोई प्लानिंग कर इसे बेचा जाए। यही कारण है कि करोड़ों रुपए का ये प्रोजेक्ट आज खंडहर में तबदील हो गया है। पौने चार साल में किए कामों की खुल सकती हैं फाइलें, आ सकते हैं जांच के घेरे में बात करें चेयरमैन रमण बाला सुब्रामनियम की तो उनकी ओर से करीब पौने चार साल लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में चम दी (पंजाबी शब्द) चलाई गई और पूरे स्टाफ में डर का माहौल पैदा कर उनसे काम लिया किया। यही कारण है कि जब आज वे ट्रस्ट से इस्तीफा देकर निकले तो आखिरी फोटो करने के लिए पूरा स्टाफ तक नहीं आया और उनके नजदीकी भी छुटटी पर चले गए। उनकी इनोवा कार में दो बार उनके कमरे से निकाला गया सामान ढो कर उनकी कोठी में छोड़ा गया। उनके आफिस से निकाले गए सामान में कुछ ट्रस्ट फाइलें भी होने की बात कही जा रही है। कांग्रेस मंत्री के चहेते ये चेयरमैन जाते जाते कईं विवादों को अपने साथ ही ले गए हैं और अब कईं संदिग्ध फाइलें ऐसी हैंं, जिनकी अब पिटारी खुलनी हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में निश्वित ही उनका जांच के दायरे में आना तय है। इस्तीफे के बाद दोपहर उनकी इनोवा गाड़ी भी ट्रस्ट आफिस पहुंच गई।
Raman Bala Subramaniam Sent Resignation To Chief Minister Channi