यशपाल शर्मा, लुधियाना आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए आम आदमी पार्टी की ओर से उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी कर दी गई है। इस सूची में 18 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। जिसमें लुधियाना की सेंट्रल सीट से अशोक पराशर पप्पी को मैदान में उतारा है। अशोक पराशर पप्पी के नाम से कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरिंदर डाबर की मुश्किलें बढ़नी तय है। असल में अशोक पराशर पप्पी का सेंट्रल विधानसभा में लंबे समय से दबदबा रहा है, लेकिन यहां से कांग्रेस के सुरिंदर डाबर विधायक उम्मीदवार व विधायक रहे हैं, इसलिए पप्पी राजनीतिक अखाडे़ में अपने इस दबदबे को साबित नहीं कर पाए हैं। लेकिन इस बार उन्हें ये मौका आम आदमी पार्टी की ओर से दे दिया गया है। बात करें पराशर परिवार सेंट्रल हल्के से कांग्रेस की पहचान रहा है और बहुत से स्थानीय परिवार पराशर फैमिली से जुड़ाव भी रखते हैं। विधायक सुरिंदर डाबर की मुश्किलें इसलिए भी बढ़नी तय है, क्यों कि अशोक पराशर पप्पी का एक भाई राकेश पराशर लंबे समय से बतौर कांग्रेस कौंसलर चुनाव जीतते आए हैं और उनकी ग्राउंड स्तर पर बेहद अच्छी पकड़ है। जबकि अशोक पराशर पप्पी का एक भाई कांग्रेस सेवा दल से कईं दशकों से जुडे़ हुए हैं। ऐसे में जब अशोक पराशर पप्पी आप के उम्मीदवार हैं, तो उनके भाई पार्टी का झंड़ा पकडेंगे या पप्पी की मदद करेंगे, ये अब अपने आप में एक पहेली बन गई है, जो आने वाले दिनों में खुल जाएगी। लंबे समय से कांग्रेस से मांगते से टिकट मांगते रहे हैं पप्पी अशोक पराशर पप्पी लंबे समय से सेंट्रल विधानसभा से कांग्रेस की टिकट के उम्मीदवार रहे हैं, लेकिन सुरिंदर डाबर उससे पहले इस सीट से एक बार विधायक बन चुके थे, इसलिए उनका ये दावा कभी टिकट में साकार नहीं हो पाया। पप्पी का कांग्रेस के संगठन में अच्छी पकड़ रही है, इसलिए बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से उन्हें सेंट्रल की बजाय साउथ से विधायक की टिकट देकर चुनाव भी लड़ाया, लेकिन वे यहां कामयाब नहीं हो पाए। साल 2012 में डाबर व पप्पी के बीच विधानसभा टिकट के लिए घमासान मचा था, लेकिन तब भी दोनों में अंदरखाते सेंटिंग की अफवाहें भी मार्केट में जमकर उड़ी थी। गौर हो कि इसी सीट पर शिरोमणि अकाली दल की ओर से सिख चेहरे के तौर पर प्रितपाल सिंह पाली को मैदान में उतारा है। पाली के पास गुरुद्वारा श्री दुख निवारण की अगुवाई का भी जिम्मा है, इसलिए उनका नाम भी सिक्ख परिवारों में बेहद चर्चित नाम है। हालांकि अभी तक भाजपा की ओर से इस सीट पर गुरदेव शर्मा देबी को उतारा जाता है या प्रवीण बांसल को अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। अब मौजूदा विधायक सुरिंदर डाबर के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ये होगा कि वे कांग्रेसी कौंसलर्स व समर्थकों को कैसे अशोक पराशर की मदद से रोक पाएंगे।बड़ी बात है कि पिछली बार इसी सीट पर आम आदमी पार्टी व लोक इंसाफ पार्टी से संयुक्त तौर पर काका सूद को मैदान पर उतारा गया था और वे भाजपा को पछाड़ दसूरे नंबर पर आए थे और उन्होंने सुरिंदर डाबर को कड़ी टक्कर भी दी थी। जबकि इस बार डाबर के सामने अशोक पराशर पप्पी जैसा मजबूत उम्मीदवार है। ----------- इन उम्मीदवारों को मिली आम आदमी पार्टी से टिकट जिसमें सुल्तानपुर लोधी से सज्जन सिंह चीमा, फिल्लौर से प्रिंसीपल प्रेम कुमार, होशियारपुर से पंडित ब्रह्म शंकर जिंपा, अजनाला से कुलदीप सिंह धालीवाल, अटारी से ए.डी.सी. जसविंद्र सिंह, बाबा बकाला से दलबीर सिंह, श्री आनंदपुर साहिब से हरजोत सिंह बैंस, जलालाबाद से जगदीप गोल्डी कम्बोज, खेमकरण से स्वर्ण सिंह,सरदूलगढ़ से गुरप्रीत सिंह बनावली, शतुराणा से कुलवंत सिंह बाजीगर, चब्बेवाल से हरमिंद्र सिंह संधू, बलाचौर से संतोष कटारिया, बाघापुराना से अमृत पाल सिंह सुखानंद, भुच्चो मंडी से मास्टर जगसीर सिंह, जैतों से अमोलक सिंह, पटियाला देहाती से डा. बलदेव सिंह के नाम शामिल हैं।
Ashok Parashar Pappi From Aap In Front Of Surinder Dabur In Ludhiana Central Assembly