यशपाल शर्मा, लुधियाना विवादों में घिरी लोधी क्लब की एग्जीक्यूटिव टीम के सात सदस्याें को बचाने के लिए एक बार फिर से नई कहानी का खाका तैयार कर लिया गया है। इस खाके को कल लोधी क्लब के जनरल सेक्रेटरी नितिन महाजन की ओर से डीसी व क्लब प्रेसीडेंट प्रदीप अग्रवाल के पास पेश किया जाएगा। नितिन महाजन की ओर से लगभग इस रिपोर्ट का पूरा खाका तैयार कर क्लब के सात एग्जीक्यूटिव मैंबर्स को इस विवाद से क्लीन चिट मिल जाए इसकी पूरी कहानी बुन ली गई है। लेकिन इसके बावजूद लॉक डाउन दौरान क्लब खोलकर की गई पार्टी या जनरल सेक्रेटरी की रिपोर्ट मुताबिक कहें तो इस मीटिंग में कईं ऐसे प्वाइंट हैं, जो इस पूरे विवाद को क्लीन चिट देने में बड़ा अडंगा साबित हो सकती है, लेकिन सबूतों के आभाव में एग्जीक्यूटिव बॉड़ी के सभी सात सदस्यों को राहत मिल जाए तो कोई भी बड़ी बात नहीं होगी। लोधी क्लब की मौजूदा टर्म में ये कोई पहली बार नहीं होगा कि सबूतों को तोड़ मरोड़ कर पेश करके आरोपियों को क्लीन चिट दे दी जाए। इससे पहले भी क्लब में एक एग्जीक्यूटिव की गेस्ट एंट्री पर आए आउट साइडर की ओर से क्लब की पार्किंग में हवाई फायर करने के आरोप लगे थे और तब भी डीसी प्रदीप अग्रवाल को पेश की गई रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज न मिलने व फायर को मोटर साइकिल के पटाखे की कहानी बनाकर पूरे मामले को ठप कर दिया गया था। अबकी बार का विवाद तो उससे कहीं अधिक बड़ा है और इसमें सात मैंबर्स पर कार्रवाई की गाज गिरती दिखाई दे रही है और इस कारण भी इन सभी को बचाना अति अनिवार्य हो गया है। वहीं अगर नियमों की बात की जाए तो जैसे आज लॉक डाउन में फिरोजपुर रोड़ पर मौजूद सिक्स सेंस स्पा सेंटर खोलने में जिस लिहाज से उसकी संचालिका पर एफआईआर दर्ज की गई है, उसी लिहाज से कडा एक्शन इस पार्टी में मौजूद एग्जीक्यूटिव पर लिया जा सकता है। - रिपोर्ट के आधार पर क्लीन चिट देने में इन प्वाइंटों का बड़ा अडंगा बात करे इस पूरे विवाद की तो इस पूरे मामले का खुलासा एक आडियो वॉयरल से हुआ है। जिसमें क्लब का मैंबर एक एग्जीक्यूटिव को मोबाइल कर पूछ रहा है कि क्या लॉक डाउन में क्लब खोलकर कोई पार्टी की जा सकती है। इस वॉयरल आडियों में क्लब के ज्वाइंट सेक्रेटरी वरुण कपूर के बर्थ डे पार्टी की बात की जा रही है और उन्हें ही इस पार्टी का होस्ट बताया जा रहा है। आडियो मुताबिक ये पार्टी उनकी ओर से अन्य एग्जीक्यूटिव को क्लब में दी गई थी, जिसका जिक्र खुद एग्जीक्यूटिव मोबाइल पर कह रहे हैं। जबकि इस पूरे विवाद से बचने के लिए अब स्पोर्टस सेक्रेटरी डा. अविनाश जिंदल की ओर से इस मीटिंग को बुलाने की बात बनाई जा रही है। लेकिन इस सब के बीच भी पूरे विवाद को झूठ साबित कर इसे एक मीटिंग साबित करना आसान नहीं है। इसका बड़ा कारण है कि जब क्लब बंद था, तब बिना जनरल सेक्रेटरी नितिन महाजन को बताए बिना ये मीटिंग कैसे कॉल कर ली गई। अगर इस पार्टी/ मीटिंग में शराब नहीं लाई गई तो क्या बाहर से खाना इस सीटिंग में लाया जा सकता था। आखिर क्लब के सिक्योरिटी गार्ड ने इस बैठक की अपने मोबाइल से वीडियों क्यों बनाई और इसके बाद उक्त सिक्योरिटी गार्ड को इतनी बुरी तरह डराया गया कि वे पिछले तीन दिनों से गायब है और किसी के भी संपर्क में नहीं आ रहा। जब तक ये गार्ड सामने नहीं आता तब तक इस पूरे विवाद को कैसे झूठ साबित किया जा सकता है। बड़ी बात ये भी जो इस पार्टी के होस्ट थे उन्हीं के अंडर क्लब की सिक्योरिटी भी आती है। वहीं आडियों में जो जो बातें एक एग्जीक्यूटिव की ओर से की जा रही है, उसे कैसे झुठलाया जाएगा, जबकि वे एग्जीक्यूटिव खुद इस पार्टी में मौजूद था। ये तमाम बातें ऐसी हैं, जो जरनल सेक्रेटरी की रिपोर्ट में बड़ा अडंगा बन सकती हैं, लेकिन अगर डिप्टी कमिश्नर पर राजनीतिक दबाव हावी हुआ तो उन्हें भी सबूतों के आभाव में सभी को क्लीन चिट देनी पड़ सकती है। इस खबर की कुछ बातों को जरनल सेक्रेटरी नितिन महाजन से की गई बातचीत के आधार पर लिया गया और कुछ बातें ई न्यूज पंजाब के पास मौजूद आडियो से ली गई हैं।