लुधियाना में सिधवां कनाल रोड, हंबड़ा रोड व सिधवां कनाल-लाड़ोवाल बाइपास रोड पर जिस तरह से प्रॉपर्टी कारोबार में एकाएक बड़ा जंप देखा जा रहा है, उससे सूत्रों के हवाले से निकलकर ये खबरें सामने आ रही हैं कि इस पूरे कारोबार में दस हजार करोड़ रुपए की (BLACK MONEY) ब्लैक मनी इंवोल्व है। ये ब्लैक मनी कहां से टाउन शिप का कारोबार करने वाले चंद लोगों के पास पहुंच रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है। बड़ी मजेदार बात है कि एक आम आदमी जो दस लाख रुपए के प्लॉट की फुल पैमेंट भी रजिस्ट्री होने वाले दिन में ही करता है, लेकिन यहां पर इस तरह की तेजी देखी जा रही है कि 150 से 250 करोड़ रुपए की जमीन खरीदने के बावजूद इस कारोबार में ब्लैक मनी थोपने वाले रजिस्ट्री तक करवाने को तैयार नहीं, केवल फुल एंड फाइनल एग्रीमेंट ही करके चले जा रहे हैं। करीब दो महीने पहले ही सिधवां कनाल लाडोवाल बाइपास पर एक कालोनाइजर की ओर से मलकपुर की करीब 30 एकड़ जमीन में कालोनी काटी गई है। सूत्र बताते हैं कि इस कालोनी की ओपनिंग में साइट पर एक बहुत बड़ा प्रोग्राम किया गया था और इस पर केवल रोटी कार्यक्रम पर ही एक करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्ची की गई थी। इतना ही नहीं इस टाउनशिप को काटने वाले उक्त कालोनाइजर ने करीब छह महीने पर सिधवां कनाल पर अपने नए आफिस का भी श्रीगणेश किया गया था। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि प्रॉपर्टी में लग रहा ये पूरा पैसा माइनिंग से आने वाली दो नंबर की राशि का है और इसमें कईं नेताओं की बड़ी बड़ी एंट्री घूम रही है। जिसे उनके खासमखास अंजाम दे रहे हैं। हालांकि ये पूरा मामला विजिलेंस के भी ध्यान में है और वे भी अपनी जांच में एक सिरा खंगला रहे हैं। ----- प्लॉन अप्रूव करवाए बिना काट रही इल्लीगल कालोनियां बड़ी बात है कि पंजाब सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्री अमन अरोड़ा भले ही लुधियाना में आकर ये दावा कर रहे हैं कि अब कोई भी इल्लीगल कालोनी नहीं काटने दी जाएगी, तो ये एकदम सही नहीं है। असल में अब भी गलाड़ा से बिना मंजूरी के कालोनाइजर कनाल रोड, हंबड़ा, लाडोवाल बाइपास पर जमीनों के सौदे कर अपने नक्शे पर ही प्लाटिंग कर इनके सौदेबाजी या कहें बियाना कर रहे हैं। इसके बाद वे कालोनी के कुछ हिस्से की लाईसेंस फीस या सीएलयू भरकर पूरे प्लॉट बेच देते हैं। कालोनाइजर पीपीसीबी के नियमों के तहत अपनी कालोनी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने का दावा भी कर रहे हैं, लेकिन वे इस एसटीपी का डिस्चार्ज नगर निगम की लाइन से कैसे जोडे़गे, ये बहुत बड़ा सवाल है। ऐसे में आम पब्लिक फिर से ऐसी कालोनियों में प्लाट खरीदकर आगे जाकर तंग होने वाली है। इतना ही नहीं इन कालोनियों में तो कईं कालोनाइजर व्हाटसएप पर ही सौदा फाइनल कर बियाना राशि रिसीव कर रहे हैं। कहने का मतलब अगर विजिलेंस या ईडी इस मामले में रिकार्ड खंगालती हैं, तो उसे कुछ न मिले, इसके प्रबंध अभी से कर लिए गए हैं। ------------ कालोनाइजर पुराने, साथ इंवेस्टमेंट करने वाले कईं नए चेहरें ई न्यूज पंजाब जिस बात का दावा कर रहा है कि पिछले करीब सवा साल से इस पूरे धंधे में माइनिंग का पैसा धड़ल्ले से लग रहा है, जिसमें दो तीन कांग्रेसी नेताओं का बड़े पैसे की इंवोल्वमेंट बताई जा ही है। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए कुछ पुराने कालोनाइजर जिनका इस फील्ड में लंबा तुजर्बा है, उनके साथ अंदर खाते सैटलमेंट कर बड़ी बड़ी जमीनें (कईं सौ एकड़ में ) खरीदने की प्रक्रिया हंबड़ा रोड पर लाडाेवाल बाइपास व सिधवां कनाल रोड़ पर बीरमी व उससे आगे चल रही है। असल में अब इन नेताओं को भी ड़र सताने लगा है कि कभी भी विजिलेंस या फिर इस पूरे मामले में बैक फुट पर रहकर काम कर रही ईडी उन पर छापामारी कर सकती है, इसलिए वे ब्लैक मनी को जमीन खरीन में खपने की कोशिश में जुटे हैं।
Thousands Of Crores Are Being Spent On Hambra Road Bypass And Canal Road