यशपाल शर्मा , लुधियाना नगर निगम नगर निगम ने शहर की 300 के करीब डाइंग इंडस्ट्री को लाखों रुपए के पानी डिस्पोजल बिल भेजकर हाहाकार मचा दिया है । डाइंग इंडस्ट्री इन बिलों के विरोध में हाईकोर्ट चली गई है और इस मामले की कल यानी मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। नगर निगम की ओर से डाइंग इंडस्ट्री को सौ फ़ीसदी कंसेंट ( यानि जो मंजूरी निगम से डाईंग इंडस्ट्री ने अपनी मंजूरी में ली है) के साथ सालाना लाखों रुपए का बिल भेज दिए गए हैं और एकमुश्त में इस बिल की अदायगी करने को कह दिया है। इस सरकारी फरमान के खिलाफ डाइंग इंडस्ट्री ने हाईकोर्ट का रुख कर लिया गया है और इस मामले में सुनवाई को कोर्ट ने कल की तारीख रखी है । यह केस पंजाब डायर्स एसोसिएशन की ओर से हाईकोर्ट में लगाया गया है और इसमें नगर निगम को पार्टी बनाया गया है। निगम की ओर से इससे पहले डाइंग इंडस्ट्री को तिमाही बिल भेजे जाते थे और इस लिहाज से डाईंग इंडस्ट्री साल में चार बिलों के जरिए अपने पानी डिस्पोजल के बिल का भुगतान करती थी।निगम ये बिल पहले डाइंग इंडस्ट्री की कुल कंसेंट का 60 फ़ीसदी के लिहाज से डाईंग इंडस्ट्री से लेता रहा है , लेकिन अब नगर निगम की ओर से 100 फिसिदी कंसेंट का बिल अदा करने के नोटिस डाइंग इंडस्ट्री को भेज हाहाकार मचा दिया गया है। इन बिलों में निगम की ओर से जिन डाइंग इंडस्ट्री का 1लाख लीटर महीने का डिस्चार्ज है, उन्हें 5 हजार रुपए हर महीने के लिहाज से सालाना एकमुश्त 60 हज़ार रुपए का बिल और जिनका हर महीने 5 लाख लीटर का डिस्चार्ज है, उन्हें तीन से चार लाख का बिल भेजा गया है । निगम के इस फरमान के चलते डाइंग इंडस्ट्री ने हाईकोर्ट का रुख कर लिया है । इस बारे में पंजाब डाईंग एसोसिएशन के महासचिव बॉबी जिंदल ने बताया की इंडस्ट्री के साथ सरेआम धकेशही की जा रही है। पहले ही इंडस्ट्री cetp लगाने की जहदोजद में फसी हुई है ,और अब ऐसे पानी के भारीभरकम बिलों से इंडस्ट्री को ताले लग जाएंगे।
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