यशपाल शर्मा, लुधियाना दिल्ली के कारोबारी से तीन करोड़ की रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई ट्रेप के घेरे में आए डीआरआई के एडीजी चंद्रशेखर, लुधियाना के विवादित होजरी कारोबारी व शहर की प्रख्यात श्री कृष्ण बलराम रथयात्रा के चेयरमैन राजेश ढांड़ा व दिल्ली के क्लीरियिंग एजेंट निपुण जोशी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आज तीनों आरोपियों को सीबीआई के जज के समक्ष पेश किया गया। जहां सीबीआई वकील की ओर से तीन आरोपियों के लिए फिर से पुलिस रिमांड की डिमांड की और इसके बाद आरोपियाें की ओर से आए वकीलों का पक्ष जानने के बाद जज की ओर से तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। ------- आवाज सैंपल के जरिए पुलिस तलाश रही तीनों का आपसी कनेक्शन शिकायतकर्ता सुधीर गुलाटी जो की दिल्ली में न्यू कीर्ति नगर निवासी हैं, 27 दिसंबर 2019 को सीबीआई में अपनी शिकायत दर्ज करवाई और अपनी इस शिकायत में उन्होंने जुलाई 2019 में डीआरआई की पूरी छापेमारी का ब्यौरा बताते हुए क्लीयरिंग एजेंट अनूप जोशी कैसे उनसे लिंक में आया और इसके बाद अनूप जोशी ने उनका काम डीआरआई के एडीजी चंद्रशेखर से करवाने के लिए उनके नजदीकी दोस्त लुधियाना के कारोबारी व सीबीआई की शिकायत में उन्हें लुधियाना इस्कान का चेयरमैन बताया गया है, के जरिए काम करवाने का भरोसा दिया। इसके एवज में उनसे 3 करोड़ की रिश्वत मांंगी गई और ये राशि चंद्रशेखर को पहुंचने पर ही उनका काम होने की बात कही गई। सुधीर गुलाटी की इस शिकायत के बाद ही सीबीआई का ट्रेप अनूप जोशी व राजेश ढांड़ा पर लग गया। अनूप जोशी केवल व्हॉटसएप कॉल पर ही सुधीर गुलाटी से बात करता था, इसलिए स्पीकर ऑन करके सुधीर गुलाटी की कॉल को सीबीआई डिजीटल ब्वॉयस रिकार्डर के जरिए सारी बातें मैंबरी कार्ड में रिकार्ड करती चली गई। शिकायतकर्ता गुलाटी की ओर से 4 दिसंबर को होटल शिंगारी ला में अनूप जोशी व राजेश ढांडा के साथ हुई मीटिंग व 19 दिसंबर को अनूप जोशी के मोबाइल से आई व्हाटएसप कॉल व मैसेज के साथ साथ 15 नवंबर से चल रहे पूरी बातचीत का रिकार्ड सीबीआई हासिल कर चुकी है। अब सीबीआई तीनों के माेबाइल फोन की रिकार्डिंग व इनकी आवाज के सैंपलों का मिलान कर रही है। सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मामले में अनूप जोशी व राजेश ढांड़ा के बीच मीटिंग का सीधे तालमेल बैठ रहा है, लेकिन सुधीर गुलाटी से ली जाने वाली रिश्वत चंद्रशेखर तक पहुंचती या नहीं, अब इसका पूरा ब्यौरा सीबीआई जुटाने में लगी है। सबसे पहले सीबीआई देख रही है कि जो बातें अनूप जोशी व राजेश ढांड़ा की ओर से सुधीर गुलाटी को उनका काम निकलवाने के लिए कही गई, उन बातों में चंद्रशेखर की मिलीभुगत हैं या नहीं।